रोटी और भूख

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praveen divedi
ये कैसा अजीब मंजर है,
हर के हाथ खंजर है..
यहाँ पैदावार कम होती है,
सारी जमीन ही बंजर है।

पढ़ लिखकर क्या पाएगा,
पिता पुत्र को समझाता है..
पढ़े-लिखे सब बेरोजगार हैं,
फिर खेती से भी जाएगा।

तेरे बड़े भाई को पढ़ाया था,
उसने उम्मीदों को जगाया था..
अब तक वो बेरोजगार है,
खेती करने में लाचार है।

बात मेरी मान जा बेटा,
छोड़ ख्वाब ये पढ़ाई का..
आ मैं सिखा दूँ तुझको,
तरीका हल की जुताई का।

अगर सब शहर को जाएंगे,
तो अन्न कौन उपजाएगा..
शिक्षा से नहीं भूख है मिटती,
पेट को क्या समझाएगा।

माना शिक्षा से ज्ञान है मिलता,
और विकास भी आता है..
पर इससे भी ज्यादा जरुरी,
रोटी और भूख का नाता है।

भूख सदा अपराध को जनती,
शिक्षा भर से क्या होगा..
पढ़े-लिखेगा वो ही भाई,
जिसका पेट भरा होगा।

                                                                            #प्रवीण द्विवेदी

परिचय : प्रवीण द्विवेदी उ.प्र के बाँदा में रहते हैं और शौकिया लिखते हैं। आपने हिन्दी से एमए किया है,साथ ही बीएड भी शिक्षित हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।