बदला-बदला सा नज़ारा है फिर किसी ने हमें पुकारा है =================== वो शख्स हमें तकता ही नहीं जो हमको जान से प्यारा है =================== मैं मिट्टी का इक जर्रा हूँ तू आसमान का तारा है =================== किसको आवाज़ लगाऊँ अब तुम बिन न कोई सहारा है =================== फुर्सत हो तो […]

हर कोशिश मेरी नाकाम हुई जाती है बस यूँ ही सुबह से शाम हुई जाती है ======================= खुद-ब-खुद आ गए हैं जलने परवाने शमा बिना वजह बदनाम हुई जाती है ======================= जबसे इस कैद में तू आ गया है साथ मेरे सज़ा मेरे लिए ईनाम हुई जाती है ======================= रोज़ […]

उम्र भर की वफा से हाथ क्या आया मेरे दश्त-ए-तनहाई में कोई न साथ था मेरे ========================== यक-ब-यक आज मिले भी तो अजनबी बनकर हुआ करते थे कल तलक जो आशना मेरे ========================== खिलौना जान के हर कोई खेल जाता है जाने कब समझेगी जज़्बात ये दुनिया मेरे ========================== मेरी […]

इस तूफान में एक शमा जलाई जाए आज फिर शर्त ज़िंदगी से लगाई जाए ======================== वादा-ए-वस्ल है उनका कल सुबह हमसे सोचो जल्दी से कैसे रात बिताई जाए ======================== तेरे करीब होने का भरम हमें भी है कभी हमें भी निगाहों से पिलाई जाए ======================== करेंगे बाद में हम भी […]

दबा के रखो न दिल में सवाल जो भी हो कि चारागर से न छुपेगा हाल जो भी हो ========================== इश्क जब हो ही गया है तब परवाह कैसी नतीजा इसका हिज्र या विसाल जो भी हो ========================== तू साथ है तो मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता मेरे बारे में […]

बुरे वक्त में सब रिश्ते तार – तार हुए यार जो कल तलक थे आज वो अगयार हुए ============================ हर तरफ देखकर खुदगर्ज़ी, चापलूसी को वफा और दोस्ती दोनों ही शर्मसार हुए ============================ कसूर अपना क्या बताएं भला मुंसिफ को हम तो जुम्बिश-ए- मिजगां से गुनाहगार हुए ============================ बार – […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।