सीमा के हाथ में जैसे ही उनकी ममेरी जिज्जी अंशु ने विदाई के वक्त टीका कर उन्हें उपहार का  पैकिट पकड़ाया तो उनकी आंखें एक पल के लिये विचित्र आश्चर्य के साथ फैल गई, मैं अदद पैकिट भी उनके हाथों में आत्मीयता और पुराना नाता […]

हिन्दुस्तां वतन है, अपना जहां यही है। यह आशियाना अपना जन्नत से कम नहीं है॥ उत्तर में खड़ा हिमालय रक्षा में रहता तत्पर। चरणों को धो रहा है,दक्षिण बसा सुधाकर। मलयागिरि की शीतल समीर बह रही है। हिन्दुस्तां…, यह आशियाना…॥ फल-फूल से लदे तरुओं की शोभा न्यारी। महकी हुई है […]

5

`जसोदा`…..अम्माँ जी की काम वाली बाई,प्रश्नवाचक आश्चर्य से देखती हुई कुछ पूछे,उसके पहले ही अम्माँ जी ने स्पष्टीकरण कर दिया…l `सुन …! सामने वाली सुनीता ने दीए तो ले लिए पचास, पर रुई बाती बनाने का टाइम बिलकुल न है उसके पास। और दीवाली के दिनों में बाती बनाकर रखना […]

हम तुमसे मिले या नहीं मिले, पर भावों से भूल बहुत की है कभी हँसी में की, कभी ख़ुशी में की या बात हमारी तुमको चुभी, हम कहते हैं कि सब भूलों को भूल जाओ…भूल जाओl हम जन्में हैं,जबसे समझो, त्रुटियों का एक पुलिन्दा हैं प्रभु ने राह बताई है […]

कभी-कभी भ्रमण में? मिलना रहना खाना पीना घूमना बहुत अच्छा लगता है,पर न जाने क्यों लौटना बिदा होना,पलट के देखना उस पल पलकें भारी करता हैl यादों का वजन, पानी भरे नयन.. कथन-उपकथन, बिताए पल छिन लगा हुआ मन, दिन-दिन की अनुभूति-चित्रण विछोह साथ आ जाता हैl क्या कोई देश, या शहर,प्रकृति भी हमें लिप्त प्रायः करती […]

ज़िंदगी की शाम में कुछ, ऐसा अब लगने लगा बेख़ौफ़ होकर जिया जाये डर भीअब डरने लगा ज़िंदगी की शाम में मन ठहरने है लगा . अब विचारों का उफनना शीत जल सा हो गया ज़िंदगी की शाम में …. हो गई ख़तम मनमानियॉं चलती थीं अपनी मर्ज़िया अब सम्हलती […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।