इंसान का ज़मीर गिर जाए तो,कोई शिखर कभी काम नहीं आता। मौत हकीकत है इसे मिटाने में,कोई हुनर कभी काम नहीं आता॥ अनगिनत अरमानों की कशमकश को, ता-उम्र ढोता आया हूँ। खुशियों  के काफिलों के लिए ता-उम्र रोता आया हूँ॥ मंजिल का ठिकाना नहीं तो,कोई सफर कभी काम नहीं आता। […]

ना फिर से आग लगा देना, इस प्यारे से चमन में…। बड़ी शिद्दत से पनपे हैं अंकुर अभी सौहार्द के, कलियाँ भी खिली-खिली हैं ले प्रेम की बांहों का साथ, भरे हैं घाव बैर-भाव के जो हो चुके थे बहुत गहरे, खून की नदियाँ ना बहा देना इस चहकते मधुबन […]

जवानों के फ़र्ज़े दरख्त के पत्ते खूब हिलते हैं। ये फौज है यहाँ आदेशों के तूफान रोज चलते हैं॥ सही है कि आदेशों के अनुपालन में कोई स्वार्थ नहीं होता। और सक्षम अधिकारियों का कोई भी आदेश व्यर्थ नहीं होता॥ दिशा एक है,कदम एकसाथ निकलते हैं। ये फौज है,यहाँ आदेशों […]

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हजार खामियां हैं,पर एक विशेषता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll   जिंदगी की  किताब में मौका-परस्ती का पन्ना नहीं रखता। जो पथ विघ्नमान हो, मैं वो सपना नहीं रखता ll  जो ले जाता दिलों तक,वही रास्ता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll  […]

कभी लगती बुरी तो कभी लगती भली है। जिंदगी भी मेरा इम्तेहान लेने पर तुली है॥ एक बार नहीं,ऐसा बार-बार  हो रहा है। हालातों द्वारा अरमानों का शिकार हो रहा है॥ कभी अनूकूल तो कभी  विपरीत चली है। जिंदगी भी मेरा इम्तेहान लेने पर तुली है॥ अपने अहसास को मैं […]

मुमकिन है मैं न आ पाऊं, पहनी है जो वर्दी खाकी। उदास न होना मेरी बहना, भिजवा देना डाक से राखी॥ तेरा गुस्सा जायज है पर, मैं भी तो मजबूर हूँ बहना।                                      […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।