मन में अटूट  विश्वास लिए कहनी तुमसे एक बात  प्रिये l तुम पूरण कर देना इसको मन की यह  अंतिम आस  प्रिये l जब तलक साथ हम दोनों प्रिये तुम मेरे हो मैं तुम्हरी हूं l पर आज तुम्हारे सम्मुख मै कल की  तस्वीर दिखाऊं प्रिये l तुम पूरण कर […]

अगर मुझे जीवन की अंतिम  क्षणों मे अपने जीवनसाथी से  अपनी अंतिम इच्छा बताने का मौका मिले तो मैं  अपनी ‘ अंतिम-  आस कुछ इस तरीके से बताना  चाहूंगी।, , , , , ,  मन में अटूट  विश्वास लिए कहनी तुमसे एक बात  प्रिये l तुम पूरण कर देना इसको […]

अपनी रत्ती भर राख आज आखिरकार उसने कागज़ पर धर ही दी इक लौ जंगलों तक पैदल पैदल पहुंची फिर दावानल रच दिया  शहर  आसमान दरिया सब सेंक कर रख दिया  वो आज भभकी नहीं …..सूखी घास सी लौ में कुंदन सी दूर तक आंच ले गई आंचल में सुन्दर […]

दुखों के वन में ख़ुशी की गोरैया आती, खिड़की की बारीक़ जाली से देखती हैं घर की दीवारों में, रंगीन चित्रों पर जब काले साए, एक पल तो सहम जाती है अपने पंखों में छिप जाती है, प्रयास करती है उड़ जाने को, खुले नीले अम्बर में पर नहीं कहती […]

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आई फिर एक रात, तारों वाली यादों वाली, कैसी नींद खुली आँखें, कोरे ख्वाब। पर नहीं, साथ कभी देता है प्रियतम, जो रहता है आसमाँ के पार। तेज़ साँसों की ध्वनि, देती है सुनाई हवा के साथ, बस जाती है खुशबू साँसों में। देखो न, सुनो न इतने बेरहम तो […]

ख़्वाब बन के दिल में आया रूह  में जलवा हुआ, हो रहा है जिन्दगी में सब मिरा सोचा हुआl यूं भी पूरा अक्स दिखलाने के काबिल था नहींं।                                              […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।