मैने की आईने से दोस्ती संवारता खुद को जाने क्यों लगता मुझे प्यार हो गया नयन कह जाते बिन बोले नींद जाने कौन उड़ा गया निहारते रहते सूनी राहों को शब्दों को गढ़ता बन शिल्पकार दिल के अंदर प्रेम के ढाई अक्षर सहंम सी जाती अंगुलियां हाथों की अंगुलियां बनी […]

जनमंचों पर अपनी साहित्य विधा के हर रंग का जादू बिखेरने वाले हास्य व्यंग्य  कवि .प्रदीप नवीन  यूँ तो जन -जन में लोकप्रिय है उतनी ही उनकी साहित्यिक कर्म में रूचि अम्बर को छू रही है । स्वयं को बड़ा कभी न महसूस समझने वाले प्रदीप नवीन की सहयोग की भावना का एक […]

बेटियाँ शिक्षा के बाद शादी हो कर जाती दूसरे घर में जहाँ पर हर चेहरे/रिश्ते नए माँ जब खाना खाती तब ऐसा लगता बेटी होती तो काम में हाथ बटाती । कभी ऐसा लगता जैसे बेटी ने आवाज दी हो वार -त्योहारों पर आती उसकी यादें माँ की आँखों में […]

ज्योति जैन का ‘यात्राओं का इंद्रधनुष ‘के यात्रावृतांत संग्रह में -कैलाश मानसरोवर ,लेह -लद्धाख ,सिक्किम,केरल,तारकली ,थाईलेंड ,झाबुआ की यात्राओं अनुभवों एवं वहाँ की विषेशताओं का सटीक वर्णन कर पाठकों के दिलों में यात्राओं के प्रति अनुराग भरा और स्वयं ने भी महसूस किया कि यात्राएँ थकाती नहीं बल्कि नई ऊर्जा […]

साहित्यकार ज्योति जैन की ‘जीवन दृष्टी ‘ साहित्य की एक ऐसी खत्म होने की कगार पर खड़ी  ललित निबंध विधा को नई ऊर्जा प्रदान करती है | विभिन्न विषयों चिंतन,विचार और रचनाशील भावों को जमीनी स्तर पर तलाश कर उनमे गहराई से दृष्टि डालकर ‘जीवन दृष्टी ‘ अंक संजोया है | […]

अख़बार वाला रोजाना अख़बार डालता आ रहा है | मगर कुछ दिनों से अख़बार डाल नहीं रहा था | मैने अख़बार वाले की दुकान जाकर कहा – भाई क्या बात है अख़बार नहीं आ रहा है | उसने कहा अंकलजी अख़बार तो रोज डालता हूँ | मैने कहा – दो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।