गुजर गए जो दिन वापस लौट के आ जाओ। बहुत परेशानी है बड़े होने में, मुझे फिर से बचपन में ले जाओ॥ मुझे याद आती है , दादी की कहानी की। दादा की मेहरबानी की, पापा के प्यार की माँ के दुलार की॥ मुझे याद आती है, कागज की कश्ती […]
गधे में गधापन, कुत्ते में कुत्तापन कूट-कूटकर भर गया है। पर अफसोस मानव से, मानवपन कितना पिछड़ गया है॥ कहने को उन्नतिवान,ज्ञानवान, सभ्यवान कहलाता है। पर देख जरा तू अपने-आप में कितना सिमट गया है॥ […]
जीवन एक संग्राम है, जीना इसका नाम है। आती-जाती सांस, जीवन का विश्वास है। सुख-दुख की परछाई, इस जीवन की गहराई। इसका विश्राम है, जीवन एक रण है। जीना क्षण-क्षण है, जीवन मृत्यु का, अंतिम भक्षण है। यह जीवन का, अंतिम लक्षण है॥ फिर क्यों कर, विश्वास झुठलाता है। फिर […]
गूँज उठी कानों में, अजन्मी बेटी की आवाज। एक बार तो बतादो ना, मुझको मारने का राज॥ क्या? खता हुई मुझसे, या हो गई मुझसे नादानी। अपने होकर क्यों? कर रहे, हो मेरी खतम कहानी। हाथ जोड़ विनती करती, सुन लो दिल की आवाज। गूंज उठा कानों में……॥ मैं तुम्हारा […]
मौसम है, सावन की बहारों का मौसम है, नदी के किनारों का मौसम है, दिल में धड़कते मोहब्बत के अंगारों का। काली घटाओं का अंबार है, बदली और बादल का बरसने का इंतजार है, दो दिलों के मिलने का इजहार है, कह दो न सावन की बहारों से मुझे तुमसे […]
धीरे-धीरे कई नकाब,चेहरों से उतर गए। धीरे-धीरे कई बरस जीवन के,चूहे कुतर गए॥ बढ़ता गया दर्द न राह मिली,न राहत ही मिली। जीवन की उहापोह में,कभी इधर कभी उधर गए॥ सूरज की तपती रश्मि ने कभी जगाया था हमें। लेकर चाँद को बाँहों में,सूनी राहों से गुजर गए॥ #दशरथदास बैरागी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।