वर्तमान का विज्ञान पर केन्द्रित युग,इलेक्ट्रानिक मीडिया,दूरदर्शन व अन्य चैनलों के अकल्पनीय विज्ञान धारावाहिक, कामिक्सों पर सही दृष्टिकोण बाल साहित्यकार ही बालकों के समक्ष अपने सृजन के माध्यम से रख सकता है। आज का बालक सीधा,सरल अथवा जो कुछ कहो,सो मानने वाला नहीं हैं। वह प्रमाण चाहता है। उसने अपने […]

सृजन सृष्टि का चलता प्रतिपल, सरिधार बहे ज्यों निर्झर कल-कल। प्रश्न जुड़े जब ‘कारण’ से, एक नूतन सिरजन अस्तित्व लिए, नव शोध,निष्कर्ष, निर्धारण से। एक सोच लहर-सी आती है, मन चेतन सजग बनाती है, सब इंद्रियां संचालित हो जाती हैं, एक चक्र सृजन का चलता है, कुछ नवल नया गढ़ […]

आसान नहीं होता सांसारिकता में बंध तुम्हें रचना, फिर भी मैं प्रयास करती हूँ, हे साहित्य! मैं तुम्हें आत्मसात करती हूँ। मिले हो ईशाशीष से, तुम्हें प्रीत का मुधरतम् गीत मान मैं तुम्हें काव्यसात् करती हूँ, हे साहित्य! मैं तुम्हें आत्मसात करती हूँ। हाँ प्रेमासक्त हुई तुम संग,मैं प्रेम शंख […]

बेटियों की स्थिति देखकर, आज हमें रोना आता है। क्योंकि जन्म देने वाली माँ, राखी बांधने वाली बहन प्यार करने वाली प्रेयसी, या हमें खुद से ज्यादा, प्यार करने वाली पत्नी सबकी सब बेटियां हैं, चाहे हमारी या आपकी। हमने और हमारी संस्कृति ने, जिसके लिए कहा है कि जहाँ […]

हवा,घटा नभ,चन्द्र चीर उड़ते पक्षी नदिया का नीर, जब रह-रहकर छू जाते हैं… कुछ शब्द यूँ ही, गिर जाते हैं…l उदधि हिंडोले सूरज की पीर, परवत का पौरूष धरती का धीर, जब रह-रहकर छू जाते हैं… कुछ शब्द यूँ ही गिर जाते हैं…l नव कोपल की शैशव-सी गात, हिलती शाखों […]

मेरी जीत में मेरे दुश्मनों का भी बड़ा हाथ रहा, वो खाईयां खोदता रहा मैं पहाड़ चढ़ता गया, उसके पास ईर्ष्या की कुदाली थी मेरे पास हौंसलों के पंख। मैं बढ़ता गया वह देखता रहा, जब मैं लौटा आसमां की बुलंदियां छूकर, एक हाथ में सूरज और एक हाथ में […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।