रंगो  की  बाग मै  फूल  रंग  का खिलता  है ए  मौका  वर्ष  मैं एक बार,  बसंत मै  मिलता  है….. रंग  गुलाल  से बनती  है हर  घर  मै रंगोली कितना मधुर  कितना  पावन है ए  रंगो  की ए  होली ……….. कहीं  रंग  गुलाल  उड़े कहीं  चले पिचकारी…… कहीं  मीठी पकवान  बने […]

नजर चुरा कर तुम यूं न बैठो, तुम्हारी नजरों पर नजर है मेरी। सहज नहीं है मुझे यूं भूल जाना, तुम्हारी सांसों पे जिंदगी बसर है मेरी। कभी हंसा कर थे पास आये, और अब रुला कर तुम जा रहे हो। भले ज़माना तुम्हे कुछ भी कह ले, पर रात-दिन […]

पल्लल्वित हो,प्रगतिशील हो ऐसा रोपित बीज हो, बहुजन हिताय,बहुजन सुखाय ऐसी अपनी नीति हो, न धर्म हो न जाति हो न भाषावादी रीति हो, हो बसन्त चहुओर न ज्यादा गर्म हो न शीत हो, हिन्दू मुस्लिम सिख पारसी आपस में सब मीत हो, औंधे मुँह गिरे हरदम जो छल प्रपंची […]

उनमें ज्यादा ही स्वाभिमान है, किसी काम को छोटा समझने का गुमान है। इस कशमकश में खुद ही, गुमनाम है बेचारा ही बनने का अभिमान है। उद्यमशीलता, उनका अपमान है। गरीबी,दरिंदगी, संत्रास को ओढ़े हुए फ़टी हुई चादर को समेटे हुए बीवी की लटें बिखरी हैं, क्योंकि आड़े में, स्वाभिमान […]

`अच्छा बच्चों! आज मैं मुहावरे सुनती हूं`l पांचवी कक्षा की शिक्षिका कविता ने बच्चों से कहा। `मैडम जी! दोहराई करने दीजिए।` सस्वर सभी छात्रों ने नम्र निवेदन किया। `ठीक है,दो मिनट देख लीजिए।` ‘शिक्षिका ने बड़प्पन दिखाया। इसके बाद शिक्षिका ने छात्रों की कॉपी बंद करवा दी और मुहावरे सुनने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।