राजनीतिक मजबूरी कहिए या भाजपा के विरोध की विकृत मानसिकता,या यह भी कह लीजिए कि हिन्दुत्व के साथ-साथ जमीर भी मर चुका है। आज जब सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण की भगवान श्रीकृष्ण पर की गई टिप्पणी पर एक तरफ भाजपा तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इनके खिलाफ शिकायत […]
रससुजान रसखान है,मीरा के पद पूर। सुर-सुरा साहित्य लहरी,ग्रंथ रचे हैं सूर।। अष्ट छाप वर्णन किए,राधेश्यामा गीत। गली-गली गावत फिरे,मुरली में संगीत।। कृष्ण चतुर परमानन्द,गोविंद कुंभनदास। सूर नंद अरु छीतकवि,अष्टछाप के खास।। (‘हिन्दी दोहावली’ के इतिहास खंड भक्तिकाल से दोहा) #डाॅ. दशरथ मसानिया Post Views: 280