1

हंसमुख मुख मुद्रा वाले मर्यादा पुरुषोत्तम की बात बड़ी निराली है, प्रकटोत्सव बारह बजे,मंदिर की बजती घण्टी, हम बजा रहे ताली है। कर्म प्रधान,मर्मशील,आदर्श प्रभु वे अवध की बगिया के माली हैं, दानवों के दौर में ऋषियों की तपस्या पर यज्ञ की वो ही करते रखवाली हैं। जिनके आगमन पर,सम्पूर्ण […]

ऊपर बैठा एक मदारी, देखो खेल कैसे खिलाए, हम बन्दर हम भालू रीछ, देख डमरू कैसे बजाए। न मानें हम उनकी बातें,देख लाठी कैसे दिखलाए, ऊपर बैठा एक मदारी,देख खेल कैसे खिलाए।। खेल-खेल में सिखा दिया है हँसते-हँसते रोना, खेल-खेल में सिखा दिया है रोते-रोते हँसना। खेल भी उसका,नियम उसके […]

फिर इस बार होली पर वो, सच कितना इठलाई होगी.. सत रंगों की बारिश में वो, छककर खूब नहाईं होगी….। भूले से भी मन में उसके, याद जो मेरी आई होगी.. होली में उसने नफरत अपनी, शायद आज जलाई होगी….। ये क्या हुआ जो बहने लगी, मंद गति शीतल सी […]

एक सूरज बाहर, आग उगल रहा है.. दूसरा सूरज मेरे, अन्दर जल रहा है। मेरे अन्दर सुलग रहे, सवाल चैत्र,वैशाख और जेठ में तपने वाले सूरज, के तीक्ष्ण तेवर से भी तल्ख हैं। वे बार-बार मुझे झकझोरते, हैं कि एक ही मुल्क के बाशिंदे.. होकर भी लोगों के बीच, असमानता […]

1

सुना था और हमेशा देखा भी था कि, नाम का असर व्यक्ति के चरित्र पर पड़ता है। आज भी वही सच देखा। ‘प्रीति’,परिवार की छोटी ही नहीं, बल्कि चार बहनों और एक भाई में दूसरे नम्बर की है। माँ,भाई के जन्म के दो माह बाद स्वर्गवासी हो गई। सभी भाई-बहनों […]

3

सतरंगी सपनों की दुनिया, आज लगे बेमानी.. अपने ही जब गैर बने, तो दुनिया लगे बेगानीll रस्ते चलते साथी मिलते, कितने जाने पहचाने.. वक्त पड़े इनका जब देखो, बन जाते अंजानेll हैं मतलब के यार सभी, न इनको करना याद कभी.. जो पल में साथ बनाए कहीं, पर साथी पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।