नन्हीं-सी प्यारी-सी, नादान होती है, बेटियां तो माँ बाप की पहचान होती है। न हो बेटी तो वंश न हो वीरान हो घर, घर में रौनक और उजाला लाती हर पहर। सिर को गर्व से ऊँचा करती है , बेटियां तो माँ बाप की पहचान होती है। एक रुन्द आहट […]

न समुन्दर की गहराई का कभी डर होना चाहिए, न आराम करने के लिए कभी घर होना चाहिए। यदि पाना है तुम्हें सूरज की ऊँचाईयों-सी सफलता, तो बाप की ऊँगली पकड़कर सफर होना चाहिए। ——-#सुरेन्द्र ठाकुर ‘अज्ञानी’                           […]

नहीं छोड़ पाया अपने खिलौने का मोह वो बालमन, छीना-झपटी करते रहे घण्टों एक-दूसरे के संग। नजर मेरी टकटकी लगाए देख रही थी उनके गुन, सहसा एक किनारे जा खड़ा हुआ वह शिशु खिलौने संग। माँ बुलाती रही बाबू आ जाओ, वह अनसुनी सी करता। मोह था उसे अपने खिलौने […]

दुनिया के कुछ देशों में क्रिकेट मजहब की तरह है,उसमें से एक देश हिन्दुस्तान भी है और इसी देश में एक बच्चा जो  क्रिकेट का भगवान बन गया अपने जुनून,मेहनत और लगन के दम पर..। तो कहानी सचिन की सचिन पर सचिन के साथ है। ‘सचिन सचिन:अ बिलियन ड्रीम्स’ फिल्म […]

में जानती हूँ मैं तुममें ही हूँ कहीं, हाँ मग़र, मुखर नहीं। अंतर में गहरे दबी रहती हैं ज्यों जड़ें और गहरे और गहरे अतल में.. चुपचाप पोसती हैं अंतिम छोर को फिर भी एकाकार होकर भी अभेद्य होकर भी मुखर नहीं..। ———-  #विजयलक्ष्मी जांगिड़ परिचय : विजयलक्ष्मी जांगिड़  जयपुर(राजस्थान)में […]

चोर उचक्के सारे मिलकर, अब सदाचार सिखलाते हैं, भ्रष्ट आचरण करने वाले, नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। जो सूटकेस के खेल में माहिर, सूट-बूट की करते बात, आतंकियों के हमदर्द देश में, सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं।         —- #डॉ.अ. कीर्तिवर्धन परिचय : अ.कीर्तिवर्धन का जन्म १९५७ में हुआ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।