आकर्षण किसी विशेष,उम्र का, मोहताज नहीं, ये वो बला है जो,सबके लिए होती खास नहीं। जंचता है अगर,नजरों में कोई उसे भूलना आसान नहीं, भले कोई किसी से,कुछ न भी कहे, पर,उसके जैसा कहीं कोई तलबगार नहीं। आकर्षण कहो तुम,या कहो सम्मोहन, है ये दोनों प्रेम के ही पूरक,जैसे राधा-मोहन॥ […]

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शिक्षक तो हैं जग में महान, इन बिन चले नहीं यह इंसान। शिक्षक ही देते ज्ञानरुपी उजाला, ज्ञानरुपी दीप जला,करे जग रोशन सारा। यही हैं ज्ञान-विज्ञान के निर्माता, यही हैं सारे जग के भाग्य विधाता। शिक्षक तो हैं जग में महान, इन बिन चले नहीं यह इंसान। यही हैं विजय […]

व्यास जी बोले- एक दिवस नैमिष निर्जन में।  शौनकादि ऋषि बैठे वन मेंll  चिंतित जग की दशा निहारें।  तभी  सूत जी  वहाँ  पधारेll  लगे पूछने सब मिल उन से।  वांछित फल मिलता किस व्रत सेll  कहा   सूत ने   नारद ने  भी।  पूछा  कमलापति  से  यह  हीll  प्रभु ने […]

  लोगों के सभी फ़लसफ़े झुठला तो गए हम, दिल जैसे भी समझा,चलो समझा तो गए हम। मायूस भला क्यों हैं ये दुनिया के मनाज़िर, अब आँखों में बीनाई लिए आ तो गए हम। किस बात पे रूठे दरो दीवार मकाँ हैं, कुछ देर से आए हैं,मगर आ तो गए […]

`राधा रूठ गई कन्हैया से, कह डारी कितनी ही कड़वीं बतियां मनबसिया से।  कहे राधा नयनन् में भर के आंसुअन की धार, कहो कन्हैया का देखो तुम इन गोपियन में, अऊर हो जात हो निढाल?  जिया मोर सुलग जाए सुन तुम्हरी रसीली बतियां, ए कन्हैया! काहे तुम रस बरसाओ इन […]

प्रकृति और पुरूष का मिलन है, एक संजोगl माता-पिता की कृपा से, हमारा जन्म, एक योगl उनके आशीष से, हमारा जीवन है, सदा निरोगl हम बच नहीं सकते, सुख-वैभव से, वह है,समकाल का भोगl जन्म से उत्तरकाल तक का, जीवन है,एक आनन्द, अति सुन्दर जोगl देह  से आतम का, निकलना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।