आकर्षण किसी विशेष,उम्र का, मोहताज नहीं, ये वो बला है जो,सबके लिए होती खास नहीं। जंचता है अगर,नजरों में कोई उसे भूलना आसान नहीं, भले कोई किसी से,कुछ न भी कहे, पर,उसके जैसा कहीं कोई तलबगार नहीं। आकर्षण कहो तुम,या कहो सम्मोहन, है ये दोनों प्रेम के ही पूरक,जैसे राधा-मोहन॥ […]