मुझे मेरा जीवन अकेले ही जी लेने दो… परेशान-सा हो गया हूँ तुम सबकी बातें सुन-सुनकर, अब मुझे खुद में हँस के,खुद में ही रो लेने दो… नहीं चाहिए तुम सबका साथ मुझे, मुझे मेरा जीवन अकेले ही जी लेने दो। नफरत-सी हो गई है मुझे अब इस दुनिया से… […]

रखकर किताब दौड़ के आती हैं बेटियां, धोकर गिलास पानी पिलाती हैं बेटियां, सेवा का भाव रखती हैं निष्काम हृदय में- देखा है मैंने सिर भी दबाती हैं बेटियां। दिल से सदैव नेक मनाती हैं बेटियां, शगुनों पे शगुन रोज उठाती हैं बेटियां, किसने कहा है बेटियां होती हैं पराई- […]

पूजा-भक्ति रोज करुं, मां तेरा ही गुणगान करुं। हम भक्तों पर दया भी करना, ज्ञान थोड़ा हम सबको देना। हम अज्ञानी करें वन्दना, हाथ जोड़कर पूजा-प्रार्थना। वीणा वादिनी,हंस वाहिनी, ज्ञान की शक्ति देवी है। मां बिन तेरे न कुछ होए, जिससे रूष्ट कभी हो जाए। उसकी बुद्धि ही हर ले, […]

यह विचित्र संयोग रहा कि,सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे। इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना,तब देश के दूसरे प्रदेशों की […]

नेता  जी  तो  सब  बने,नेती बनी  न कोय, ज्यों नेती  बनने  लगें,तो शोषण  क्यों होय। तो  शोषण  क्यों  होय,बने  नेता महतारी, देवें    ऐेसी   अक्ल ,नहीं   बनें भ्रष्टाचारी। कह पी के कविराय,हों काम सब हितकारी, जनता भी  खुश रहे,नेता  हों वचनकारी।               […]

14 जुलाई की सुबह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर प्रख्यात पत्रकार राहुल देव,विदुषी कथाकार चित्रा मुद्गल,पद्मश्री डाॅ.श्यामसिंह शशि,मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय,संपादक राकेश पाण्डेय तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. दर्शन पाण्डेय ने भी भेंट कीl सभी ने भोजपुरी और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।