वाह रे तारीखों का दौर इतना लंबा होगा इंसान क्या भगवान को भटकना होगा। मनमौजी से बढती तारीखों का सबाल हाजिरी तेरी भी लगेगी आखिर तुम्हें भी तो एक दिन वही जाना होगा। बढते तारीखों के दरम्यान वजूद उनकी न मिटने वाली जीतने तारीखें दे डालो पर मंदिर नही टलने […]

hu सत्तर साल का गणतंत्र हमारा मानवता का स्तंभ है। चार स्तभ्भों पर टिका हुआ भारत का लोकतंत्र है। 26 जनवरी वह दिवस है जब संविधान लागू हुआ। एकता की सूत्र में बँधे रहने का सभी के विचार पर हावी हुआ। अनेकता में एकता की फूलवारी भारतीय संविधान ने निखारी। […]

ये काली दुनिया चमत्कारी दुनिया । बात हमारी तुम्हारी दुनिया। धन कुबरो की चमचमाती दुनिया। नेताओं की भीआईपी दुनिया। गरीबो की लाचारी दुनिया। बुजुर्गो की वेबशी दुनिया। महिलाओं की उत्पीडन दुनिया। अनपढो की अंधविश्वासी दुनिया। बीमारो की खर्चीली दुनिया। डाक्टरो की मन मौजी दुनिया। प्रवक्ताओ की झूठी दुनिया। चैनलो की […]

चंदू बडा दुविधा में था उसे समझ में नही आ रहा था कि आखिर वो क्या करे उसकी पत्नी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी।गाँव में अंधविश्वास का माहौल और झाड़-फूक तंत्र-मंत्र का सहारा उसके पत्नी के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं थे। हलांकि गाँव के चँद […]

राम नाम की घून पर अंधकार की धूँध । ज्ञान की कमी नही फिर क्यों फूट ? हर ओर अशांति की क्यों है छूट ? मर्यादा पुरूषोत्तम के देश में मनबढू की क्यों हो रही पूछ ? जिनके नाम से उद्धार है काया उनके ही घर पर क्यों अंधकार छाया […]

लहराये तिरंगा मंजिल की ओर बढाए तिरंगा गणतंत्र दिवस पर जोश बढाए तिरंगा। तेरे नीचे नतमस्तक हैं देते सभी सलामी तेरे रक्षा की खातिर हँसते-हँसते देते कुर्बानी लहराये तिरंगा मंजिल की ओर बढाए तिरंगा। शौर्य शांति हरित क्रांति का प्रतीक तिरंगा उजला हरा केशरिया सभी के रगो में समाया तिरंगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।