भारतीय संसद इस बात का प्रमाण है कि,हमारी राजनीतिक व्यवस्था में जनता सबसे ऊपर है,जनमत सर्वोपरि है। भारत दुनिया का गुंजायमान,जीवंत और विशालतम लोकतंत्र है। यह मात्र राजनीतिक दर्शन ही नहीं है,बल्कि जीवन का एक ढंग और आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य है। भारत का संविधान पूर्ण रूप से कार्यात्मक […]

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भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है। तकरीबन १७१ भाषाओं और ५४४ बोलियों के साथ १२५ करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणांचल तक फैला हुआ है। संविधान सभा ने संविधान बनाते समय भारत के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी परिक्षेत्र को भाषाई आधार पर गैर हिन्दी […]

अक्सर पूछता है वो शख्स क्या है तेरे गांव में मेरे शहर से बढ़कर..जो तू करता है कुछ यूं बड़बोलापन। जहाँ, गाय गोबर देती है और माँ उस पर अधपकी रोटी बनाती है..क्या रखा है रे बड़बोले तेरे उस गांव में? अब तक क्या देखा तूने गांव में..सुन दिखावटी रौनक […]

जीवन की सांझ हो चली है,वह भी जानती है वह अब जाने को है। समेट रही है अपनी ज़िम्मेदारियां आहिस्ता-आहिस्ता..और बांट रही है जो है बचा-कुचा। रोज़ गूँथती है घर-संसार अपने बेटे का,पता नहीं, कौन-सी शाम जीवन का सूरज ढल जाए..। कभी अलमारियों के कपड़े सहेजती है,कभी रसोई की सफाई […]

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उल्लास,उमंग और जोश से भरा एक कारवाँ अपने पूरे चरम पर था.., जहाँ हर कोई उत्साह से लबरेज था.. पर यह क्या,सामने आंखों में अश्रु समेटे एक किशोरी रथ की ओर बढ़ी चली आ रही थी….। वो ठहरी और भीड़ के भगवान को सांत्वना देती हुई निकल गई…।भगवान जी के […]

देश की सरकार को कोसते,अर्थव्यवस्था को चौपट करने की कोशिश करते,रुपए की घटती कीमत का ठीकरा दूसरों  पर फोड़ते और स्वदेशी उत्पादों का मजाक बनाते लोगों को तो हम सबने कहीं-न-कहीं देखा और सुना होगा,क्योंकि  ये वही लोग हैं,जो `आधुनिकीकरण`(मॉडर्नाइजेशन) की छाप लगवाने के लिए विदेशी कम्पनियों के शो-रुम में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।