जिगर जां न्यौछावर करते हैं हम, तुझ पर वतन मेरे,भारत भुवन। जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ वेदों की संस्कृति,प्राणों से प्यारी, पापों का मोचन,ये गंगा हमारी। सागर ये चरणों पे करता नमन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ तुझ पर वतन मेरे ,भारत भुवन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम। राम और […]

माँ नहीं पिलाती दूध उस मासूम को, समय-बेसमय जब वह होता है भूखा और रोता है दूध के लिए। माँ नहीं कराती उसे स्तनपान, क्योंकि डर है उसे अपनी देहयष्टि के ख़राब होने का। माँ नहीं पिला सकती दूध, वक्त -बेवक्त उस अबोध को जो नहीं जानता समय का महत्व […]

अहंकार का मूल मिटाकर, भाईचारा अपनाएँ। ‘तू-तू, मैं-मैं’ में क्या रखा, समझें,सबको समझाएँ॥ ईश्वर ने कुछ सोच-समझकर ही परिवार बनाया है- रिश्तों की मजबूती में, कुछ वो आएँ,कुछ हम आएँ॥                                     #अवधेश कुमार […]

माँ नहीं है… तेरी आँखों से बहता पानी, मुझे सब कुछ बताता है जब तू रोता है, मेरा दिल भर आता है क्या कोई गैर है या है अपना, बता कौन है वो जो तुझे हरदम रुलाता है। तेरी आँखों से… पापा सब कुछ है मेरे पास, पर माँ नहीं […]

जीवन पथ पर प्रत्येक मनुष्य को प्रतिदिन कई छोटे-बड़े कार्यों को पूरा करना होता है। कई कार्य साधारण होते हैं तो कई आपके जीवन को नई दिशा देते हैं और आपके कर्मठ,प्रतिभा सम्पन्न एवं यशस्वी होने की गवाही देते हैं। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में सफलता पाना चाहता है अथवा […]

बढ़ रही है ठंड यहां, सर्दी जब से आई। शीतल हुई है हवा, नहीं धूप में गरमाईll  सूरज के उगने पर, अब सुबह भी कुमुनाई। स्वेटर और चादर संग, सब खींचें रजाईl  बढ़ गई है…ll    जल्दी ढलती है शाम, और रातें हैं लंबी। अंगीठी और बोरसी ले, दुबके हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।