जिगर जां न्यौछावर करते हैं हम, तुझ पर वतन मेरे,भारत भुवन। जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ वेदों की संस्कृति,प्राणों से प्यारी, पापों का मोचन,ये गंगा हमारी। सागर ये चरणों पे करता नमन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम॥ तुझ पर वतन मेरे ,भारत भुवन, जिगर-जां न्यौछावर करते हैं हम। राम और […]