आज इश्क़ परवान चढ़ा है, देखो मोहब्बत,इज़हार होने चला है न धूप देखी है,न छांव की आस है, बस एक बहती नदी को किनारे की तलाश हैl  हर राह,कुर्बान होने चला है, देखो मोहब्बत,इजहार होने चला हैl  न उदासी की कहानी है, न अश्क़ रूहानी है मोहब्बत और कुछ नहीं, […]

बैंक में एक कुर्सी के सामने लंबी कतार लगी है। हालांकि,बाबू अपनी कुर्सी पर नहीं है। हर कोई घबराया नजर आ रहा है। हर हाथ में तरह-तरह के कागजों का पुलिंदा है। किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है,तो कोई बच्चे को लेने शाला जाने को बेचैन है। इस बीच […]

अश्रू नयन के मोती हैं, नाहक नहीं गिरा  लेना। गहन वेदना के मरहम हैं, काम है मन सहला देना॥ ये पीड़ा के नहीं पक्षधर, हैं पीड़ित के बेबस हथियार। निकले नयन से मन मथकर, आँसू व्यथित हृदय के भार॥ हृदय-घाव पर उठे फफोले, वाष्पीकरण होकर गिरते। निकले जहाँ दर्द वही […]

मन की तुष्टि कर्म किया जो वही कहलाता आराधन, आत्म तुष्टि से कर्म भी कहलाता है बस आराधन। निज कर्तव्य हित करना ही कहलाता है  एक आराधन, इसीलिए तो कण-कण देखा बस करता हुआ आराधन। फूलों की है हँसी आराधन और सरिता गति आराधन, इक-दूजे की देखभाल भी लगती है […]

किसी ने न जलाई मोमबत्ती, अफ़ज़रुल ख़ान के लिए कोई भी न लड़ सकता उसके हताश,बेसहारा, परिवार के लिए। एक धधकता हुआ समाचार बनकर रह गई उसकी निर्मम हत्या, एक सीमित समुदाय तक जुड़कर रह गई संवेदनाएँ। क्योंकि वो एक मज़दूर था, वह बड़ा मजबूर था बिलख रहे हैं अब […]

अपने-अकेले क्षणों में तुम बहुत याद आते हो, खासकर जब चाय साथ पीते थे उस झूले पर जब साथ हाथ पकड़े पार्क में घूमते थे, जब एक रोटी का आखरी निवाला तुम चुपके से उठाकर खा जाते थे, जब गिलास का पानी पीकर फिर से मांगते थे, हर वो बात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।