सूरज ने मौसम से आशनाई कर ली, मौसम ने भी बादलों से यारी कर ली। पवन ने बिजलियों संग अंगड़ाई ली, उमड़-घुमड़ बदरी बरसी गर्जन तर्जन होने लगी। झांक झरोखों से बादल के बिजली नर्तन करने लगी, मावठ की बरसी बदरी खेतों में फसलें हरषी॥   #डॉ. नीलम परिचय: राजस्थान राज्य […]

मित्र वही जो देख कभी भी,          आँखें नहीं चुराता है। मित्र वही जो कथनी-करनी,          एक रंग दिखलाता है॥ मित्र वही जो पड़े मुसीबत,         आगे हाथ बढ़ाता है। मित्र वही जो स्नेह का बंधन,         सबसे […]

भाग 2…………. बीएससी.(ऑनर्स)की परीक्षा खत्म होने तक निर्माता निर्देशक बी.आर.चोपड़ा के चार पत्र आ चुके थे। दरअसल उन दिनों ‘चित्रलेखा’ नाम की फ़िल्म पत्रिका प्रकाशित होती थी,जिसके किसी अंक में मेरी दो ग़ज़ल छपी थीं। कहीं चोपड़ा साहब की नजर उस पर पड़ी थी। फिर उनकी फ़िल्म ‘आज की आवाज’ […]

गुजर गए जो दिन वापस लौट के आ जाओ। बहुत परेशानी है बड़े होने में, मुझे फिर से बचपन में ले जाओ॥ मुझे याद आती है , दादी की कहानी की। दादा की मेहरबानी की, पापा के प्यार की माँ के दुलार की॥ मुझे याद आती है, कागज की कश्ती […]

अदालत के बाहर पुलिस से घिरा शाजिद मौन धारण किए खड़ा था,जैसे उसे मृत्यु बोध का आभास हो। बाहर निकलते ही इरफान साहब को देखते शाजिद चिल्ला उठा-अब्बू आपने ये ठीक नहीं किया।इरफान साहब रुके और शाजिद के पास जाकर-क्या अभी भी तुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने ठीक […]

गीत-सी बजती हो कानों में…। मीत-सी लगती हो दिल को, अप्सरा बन रहती हो अरमानों में।                     गीत-सी बजती…ll   कभी साहिर के गीतों-सी, कभी कश्मीरी प्रीतों-सी नदिया-सी मचलती हो, कभी खलिहानों में…।      गीत-सी बजती…ll    कामिनी बन प्रणय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।