ईंटों,पत्थरों से, बनाना चाहा था, घर; तोड़कर, विश्वास स्नेह, और हृदय अपनों का। स्वयं बनाईं दीवारें मगर, गला घोंटने लगीं; जब निगाहें उनके साथ को, तरसने लगींl आज मालूम हुआ, कि घर, बेजान ईंटों से नहीं; प्यार व अपनेपन से बनता है। […]
मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत सम्बन्धों को करता मजबूत, रह उपस्थित देते आशीर्वाद देवदूत, देख दृश्य सब रहते अभिभूत, वर्तमान काल में रह खुश भविष्य के सपने संजोते, सच हुए सपने, मिला उन्हें पूत मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत। बढ़ती चकाचौंध सम्बन्धों क़ो रौंद, टूटते रिश्ते, सम्बन्ध पिसते स्वप्न रहने का आजाद, […]