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तुम न आए तो सजन लौट गया मधुमास,                                                             टूट गए सपने सारे टूट गई  आसl सूखी तन की डारि-डारि,सूखे मन […]

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                        * माता तेरी वंदना को,आया एक बार फिर, हार गया खुद से तो लाया एक हार हूँ, मति भ्रष्ट हो गई है,गति अतिहीन हुई आस विश्वास ले के आया तेरे द्वार हूँ, काम-क्रोध-मद-लोभ,मन में बसे हैं आज शक्तिहीन […]

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एक उमर गुज़ारी है उसने, एक वक़्त-सा है बीता वो। कतरा-कतरा मोम हुआ, ऐसे लम्हा-लम्हा जीता वो॥ बारिश में भीगा करता है, पूस में पूरा ठिठुरा वो। गर्मी की लू में जला किया, ऐसे लम्हा-लम्हा जीता वो॥ भूखा भी सो जाता है, कर्ज़े में पूरा डूबा वो। गाली थप्पड़ है […]

`अ` से ज्ञ` तक लेकर अक्षर, हम सुंदर गीत लिखें। जिसमें अपनी भारत माँ का, रंग-रुप सुंदर दिखे। प्यारा हिन्दुस्तान,प्यारा हिन्दुस्तान, प्यारा हिन्दुस्तान,प्यारा…। `अ`-अलख जगाकर देशभक्ति का, लिखें इक गीत वितान। `आ`-आओ सारे भारतवासी, लिखें भारत जय गान। `इ`-इंडिया को फिर बना लें, अपना प्यारा भारत। `ई`-ईश्वर ने भर दी […]

  गीतों का मल्हार लिए, फूलों का श्रंगार लिए। खिल गए फूल अनन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ फूलों से खेत हो रहे हरे-भरे, पक्षी गीत गा रहे भावना भरे। नर-नारी और झूमे साधू सन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ नदियाँ फूलों से श्रृंगार करे, धरा भी किरणों से मांग […]

उत्तरायण हो गए हैं सूर्य जब से,शीत कम करने लगीं अपनी हवाएं। छँट रही है धुंध सब वातावरण से,फूल कलियों से हुई लकदक लताएं॥ तेज होती धूप की बढ़ती तपन से,बर्फ की चादर पिघलती जा रही है। शीत से होती शिथिल इस ज़िन्दगी में, अब नई उर्जा नवल गति आ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।