पूर्व से निकला है सूरज,अँधियारा भी भाग गया। हम को भी अब जगना होगा,सारा जग तो जाग गया॥ –––––––––– –– नहीं थके हैं, नहीं उठें हैं,राहे क्यों अनजान, मंजिल हमें पुकार रही है,बैठे क्यों नादान हैं। आगे अपने कदम बढ़ाओ,डर था जो भी भाग गया॥ ––––-–––––––- फैली कुरीतियां हममें,फैले अन्धविश्वास […]