जिन्दगी है ऐसी कली। जो काँटों के बीच पली। पल्लवों संग झूल झूले, महकी सुमन बनकर खिली। जिन्दगी राहें अनजानी। किसकी रही ये पहचानी। कहीं पुष्पसज्जित राजपथ, कहीं पगडण्डियाँ पुरानी। जिन्दगी सुख का सागर । जिन्दगी नेह की गागर। किसी की आँखों का नूर , धन्य विश्वास को पाकर। जिन्दगी […]