वो बंद कमरा

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वो बंद कमरा
जो खोला जाता था कभी कभी
उस बंद कमरे में
लोगों की नज़रों से छुपकर
हम बुना करते थे अपने सपने
वो बंद कमरा
जिसमे अटी पड़ी थी धूल
कई वर्षों की
देती थी आभास
उन मधुर क्षणों में
पुष्प शैया सा
वो बन्द कमरा
जो खुलते ही अभासना देता था
सीलन और दुर्गंध की
जाने कैसे सुवासित हो उठता था
उन्माद और आलिंगन के तप्त
अल्पकालिक पलों में…
उसी बंद कमरे की परिधि में कितनी ही बार
प्रेयसी तो कभी परणिता का रूप धर…
सौप चुकी थी अपना सर्वस्व
मान कर तुमको अपना देवता
देख चुकी थी खुली आँखों से
असंख्य इंद्रधनुषी स्वप्न
रख कर कांधे पर तुम्हारे अपना सर..
आजकल वो बंद कमरा
बन्द ही रहता है
उस कमरे की सम्पूर्ण
धूल ,सीलन ,दुर्गन्ध, स्मृतियां विलुप्त हो गई…..
समय के चक्र के साथ
और शायद
तुम भी
और मैं भी………
#डॉ समृद्धि

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।