कोई भी यूँ हो चाहे कलयुग या सतयुग , इन युगो में भी जिन्होंने जन्म लिया उन्हें अपने कर्मो का हिसाब क़िताब यही पर देना पड़ता है / इसमें चाहे अमीर हो संत हो या गरीब हो , जैसे कर्म संसार में किये उन्ही के अनुसार उन्हें अपने अपने कर्मो […]

कविता के संबंध में मेरी मान्यता है कि कुछ लोग कविता लिखते हैं, कुछ लोग कविता पढते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कविता को जीने की वस्तु समझते हैं। कवि रूपेश कुमार तीसरे प्रकार के व्यक्ति हैं। विगत कुछ महीनों से उनकी कविताओं पर मेरी दृष्टि अनवरत […]

भारतीय रेल हमारे आवागमन का आधार स्तंभ है। इसके बिना जीवन की परिक्रमा अधूरी रहती क्योंकि इस धूरी से उस धूरी की दूरी तय करने में लौहपथगामिनी का कोई शानी नहीं है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक फैले भारत वर्ष को हमारी रेल ने एक बना के […]

नेपाल में राजशाही के बावजूद कम्युनिस्ट पार्टियां लंबे समय से सक्रिय हैं लेकिन उनमें कभी एकता नहीं रही। इस बार नेपाल की दो बड़ी कम्युनिस्ट पार्टियां न सिर्फ एक हो गई है बल्कि दोनों मिलकर नेपाल में राज भी कर रही है। ये पार्टियां हैं– एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी पार्टी (एमाले) […]

   सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को हुआ। हिंदी साहित्य में चगयवादी युग के प्रमुख कवियों में पंत जी का नाम प्रमुख है। इनका जन्म अल्मोड़ा जिले के कोसानी बागेश्वर उत्तराखंड में हुआ था। जन्म के 6 घण्टे बाद ही इनकी माता का निधन हो गया था। उनका […]

निरंतर बदलाव प्रकृति का नियम है। समय बदलता है, संसाधन बदलते हैं । हम भी बदलते हैं । वर्तमान समय आधुनिक तकनीक के प्रयोग का है । हर क्षेत्र में नई – नई तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं । इंटरनेट के आगमन से वे सब जानकारियां […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।