बरसो,बरसो रे मेघ, बरसो,बरसो रे मेघ। धूप से सूख रहे हमारे खेत, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ नदी,पोखर,तालाब और नाले, कब बहेंगे फिर होकर मतवाले। रिमझिम फुहारों को धरती पर भेज, बरसो,बरसो रे मेघ। बरसो,बरसो रे मेघ॥ मेंढक,झींगुर,मोर,पपीहा, बुलाए तुमको मेघ संवरिया। गर्मी से झुलस रही इनकी देह, बरसो,बरसो […]

ब्रम्हांड है माँ ! अनुभूति प्रथम ! संपूर्ति है माँ ! निःस्वार्थ भाव ! संघर्ष झेलती वो ! है निर्मात्री माँ ! पुनीत भाव ! पवित्र परिभाषा ! पावन है माँ ! #अलका गुप्ता ‘भारती’ परिचय : श्रीमती अलका गुप्ता ‘भारती’ मेरठ (उ.प्र.) में रहती हैं। काव्यरस-सब रस या मिश्रण […]

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हे श्रमजीवी तुम चलते जाना, खनन कर निज तृष्णाओं का.. तर्पण कर मन की दुर्बलताओं का भीति तुम्हारे देव नहीं हैं क्या कर्मों पर संदेह कहीं है? तिमिर राह को भेदकर बन्धु, विजयश्री पथ पर बढ़ते जानाl हे श्रमजीवी तुम चलते जानाll है बहुत जटिल यह जीवन रण, व्यथित करे […]

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तपती हूँ मैं जलती हूँ मैं, होकर निष्प्राण जैसे मरती हूँ मैं.. रौंदकर मेरे सम्पूर्ण विस्तार को, बना डाला है मुझको अभागिन धरा। कर दिया खोखला तूने मेरी देह को, क्यूँ बनाया है बंजर मेरी कोख को.. करके दोहन मेरा छीन गहना लिया, पेड़-पौधों को भी तूने तनहा किया। पत्ते-पत्ते […]

सुहाना अपने मम्मी-पापा की लाड़ली बेटी थीl एक छोटा भाई भी था सुहाना का। सुहाना अपने परिवार के साथ कम पैसों और कम सुविधाओं में भी खुश थी। सुहाना के पापा मामूली कलर्क थे,मुश्किल से ही गुज़ारा होता थाl मम्मी घर पर ही रहती थीं,पर समझदार महिला थी और अपने […]

अंधकार को क्यों धिक्कारें, अच्छा हो एक दीप जलाएं। कर्मों की अदभुत ज्योति से, अपना जीवन पथ चमकाएं।। स्वार्थ साधना की आंधी में, सर्वत्र व्यापित है दुराचार। निर्माणों के नवीन युग में, हम चरित्र निर्माण करवाएं।। बना चुके बहुत रंगीन चित्र हम, अब अपना सुंदर चरित्र बनाएँ। हृदय में बसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।