आदमी ने पूछा -मेरे भाग्य में कितना धन है? नारदमुनि ने कहा-भगवान विष्णु से पूछकर कल बताऊंगा…l नारदमुनि ने कहा-१ रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है…। आदमी बहुत खुश रहने लगा…l उसकी जरूरतें १ रुपए में पूरी हो जाती थी…। एक दिन उसके मित्र ने कहा-मैं तुम्हारे सादगी के जीवन […]

शत्रुता का नाश हो,प्रेम का आगाज़ हो, गर्व चकनाचूर हो, ममता निहाल हो। मिला आज मौका है, माफी के मुकाम का, चूकने न देंगें हम,माफी आज लेंगें हम। यह शुद्धता की भावना,है मंगल कामना, पर्व  ये  महान है, धर्म  का  वितान है। क्षमापना मनाएंगे, शत्रुता मिटाएंगे, दीप एक जल गया […]

2

मनहरण घनाक्षरी…… उस नेता को भुला के नेता सभी कहते हैं, कैसे याद करुं उसे,हमें भी तो सोना था। भारती करे विलाप, शहीदों की लाश पर, मंत्रियों की लाश बिछे, उस पे क्या रोना था॥ सोई जनता के स्वाभिमान को जगाता गया, देशभक्त एक-एक सुभाष-सा होना था। युद्ध अपराधी जिसे […]

1

आज देखा उसकी आंँखों में एक अलग-सी चमक थी, यूं तो खामोश थी वह, पर सब कुछ कह रही थी। उतरा-सा चेहरा, फिर भी चेहरे पर मुस्कान, यही तो थी उसकी गरीबी की पहचान। बोली वह मुझसे आकर, कुछ खाने को चाहिए, सोच में पड़ गई आज मैं, सुना था […]

आज धन हो तो शिक्षा होती है, बिना धन के तो प्रतिभा भी रोती है। मुझे गर्व है मैं हिन्दुस्तान में रहती हूँ, फिर क्यूं मेरे देश में केवल अंग्रेजी ही सम्मान से जीती है। लाख योजना निकल के बन्द कागजों तक सीमित रह जाती है, इसलिए तो लाखों कला […]

बहू है तो वंश है, बहू में ही पलता तुम्हारा अंश है। बहू को पराया कहना एक वहम है, बहू ही हर गम सहकर बनाए रखती तुम्हारा अहम है.. क्यूं फिर उसको माना जाता केवल भ्रम है। बहू खुशी की लहर है, फिर क्यूं कहा जाता उसे दुखों का कहर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।