ताज़गी से भरी हुई ये जिंदगी,      फ़ूल-सी महकती रहे।      खुशियों के आंगन में फिर,      परिंदों-सी चहकती रहे॥       ग़मों का साया न मंडराए,       रोशनी बन दमकती रहे।       बनकर घटा मुहब्बत की,       […]

     मेरी दीवानगी का आलम,        मेरी उम्मीद ए वफ़ा हो।       तुम पर है ऐतबार मेरा,           क्यों तुम ख़फ़ा हो॥      प्यासा एक सेहरा मैं,      तुम प्रेम की घटा हो।        बरसती मेरी आंखों […]

बरकतें अपने साथ लाया था, देकर नेमतें हज़ार जा रहा है॥ साल की लंबी जुदाई देकर, देखो रमज़ान जा रहा है॥ किया था इस्तकबाल जिसका, ख़ुशी और शादमानी से। अश्कों में देकर वो आंसू, आज जा रहा है॥ करकेे फिर मिलने का वादा, तोहफा-ए-ईद दे जा रहा है॥ साल की […]

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  कुदरत की कारीगरी हो,         ख़ुद अपनी पहचान हो।     मत भूलो वज़ूद अपना,          तुम भी एक इंसान हो॥      मानवता का मंदिर हो,           प्रेम की मिसाल हो।         ओ अपने भाग्य […]

मेरी मोहब्बत से जब ये, तेरा दिल भर जाएगा। तुझसे दूर होकर जब ये, दिल आंसू बहाएगा।।  हर ज़र्रे में,हर लम्हें में,  तेरा अक्स नज़र आएगा।। दूर रहकर फिर भी, तेरा ख्याल आएगा।। बैचेनी के लम्हों में बस, नाम ए वफ़ा गुनगुनाऊंगा।। मैं फिर भी तुमको चाहूंगा मैं फिर भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।