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हां रोशनी वह शब्द है। यह एक उर्दू शब्द है। जिसे हिन्दी में प्रकाश आंग्ल में लाइट तथा स्थानीय भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है। अब नाम और भाषा से हमें का लेना खैर। रोशनी का हमारे जीवन मा बहुत बड़ा महत्व है। एक कहावत भी है रोशनी […]

काव्य संग्रह…………. राजकुमार जैन ‘राजन’ का प्रस्तुत काव्य संग्रह “खोजना होगा अमृत कलश” प्राप्त करने का सौभाग्य मिलने से हमें बहुत ख़ुशी हुई है | देव-दानव “अमृत कलश” के लिए एक दुसरे से लड़ाई कर रहे थे | इसे प्राप्त करने की स्पर्धा चलती थी | हमें कोई संघर्ष नहीं […]

पुस्तक समीक्षा………… वही कविता भविष्य की यात्रा तय कर पाती है जो हमारे जीवन से जुड़ी हो। उसके भाव हमारे दिल की उपज हो या दिल द्वारा ग्राह्य। जो सरलता,सहजता, सार्थकता,माधुर्य,प्रासाद एवं स्पष्ट कथन के संगम पर पाई जाती हो। रस की निष्पत्ति स्वाभाविक रूप से दिल के रास्ते चेहरे […]

पुस्तक समीक्षा………………. प्राचीनकाल से बिहार संस्कृति और साहित्य के सन्दर्भ में समृद्ध रहा है और आज भी इसका कोई सानी नहीं है। समय-समय पर समाज के पथ प्रदर्शक और विरासत के संवाहकों को पैदा करने की जिम्मेवारी यहाँ की उर्वर भूमि ने ली है। ग़ज़ल के आसमान में बहुतेरे जुगनुओं […]

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(प्रेमचंद जयंती पर विशेष) प्रेमचंद के पुनर्पाठ की आवश्यकता आज के संदर्भों में की जानी चाहिए;ये बात सही है,लेकिन आज की स्थितियाँ बहुत से क्षेत्र में मानवीय और भौतिक विकास करने की सोच की दिशा और प्रयत्नों में बदल चुकी हैं। आज पहले से भी अधिक कारगर शोषण के हथियार […]

हम पर है अधिकार तुम्हारा, मेरे सपनों पर भी अधिकार तुम्हारा देना अगर मुझे तुम फिर तो लौटा देना वो प्यार हमारा। मैं सांसें भी लेता हूँ तो तुम्हारी इजाजत लेकर के, द्वार तुम्हारे आऊंगा बस एक शिकायत लेकर के। प्यार मोहब्बत का रिश्ता न निभाना तुमको आया, तुम्हारी इस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।