हम पर है अधिकार तुम्हारा..

0 0
Read Time1 Minute, 30 Second
हम पर है अधिकार तुम्हारा,
मेरे सपनों पर भी अधिकार तुम्हारा
देना अगर मुझे तुम फिर तो लौटा देना वो प्यार हमारा।
मैं सांसें भी लेता हूँ तो तुम्हारी इजाजत लेकर के,
द्वार तुम्हारे आऊंगा बस एक शिकायत लेकर के।
प्यार मोहब्बत का रिश्ता न निभाना तुमको आया,
तुम्हारी इस गलती से सपना न हुआ साकार हमारा।
हम पर है अधिकार तुम्हारा………. ।।
बिना सहारे कठिन राह पर चलता रहा अकेला,
मैंने जो राह चुनी है उस पर है काँटों का मेला।
मेरे साथ चलोगे तुम तो थक के हार जाओगे,
होकर नाराज तोड़ दोगे ये सारा व्यवहार हमारा।
हम पर है अधिकार तुम्हारा……. ।।
मेरे घर-आंगन में सुख की नदियाँ बहती हैं,
डाल पे बैठं चिड़िया भी ढाई अक्षर कहती हैं।
प्यार से बोलो मुझसे सारा न्यौछावर कर देंगे,
बीज नफ़रत के बोकर मत तोड़ो परिवार हमारा
हम पर है अधिकार तुम्हारा…..।।

———–#अमित कैथवार

परिचय : शौकिया लेखक अमित कैथवार उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर (खीरी )में मितौली ग्राम में रहते हैं।

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

धन्य-धन्य भारत की सेना

Mon May 29 , 2017
धन्य-धन्य भारत की सेना, भारत के हर वीर जवान। दस बंकर को नष्ट किए हैं, नानी याद करे शैतान। अमन चैन की बात न  समझे, हत्या बस जिनका है काम। वो क्या समझे मानवता को, मजहब को करते बदनाम। नज़र उठाए जो भारत पे, उसको झट फोड़ो अब आँख। आतंकी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।