आपकी नज़र

0 0
Read Time1 Minute, 34 Second
girish joshi
तुम जाते जाते चाहत की गर सभी निशानी ले जाते
मन से स्मृतियाँ मिटा सभी आँखों का पानी ले जाते
मन मुँडेरों पर क्यूँ अब तक यादों के दीप जलाये हो
अपने लम्हों की अपने संग हर एक कहानी ले जाते ।
कब माँगे महल दुमहले थे कब माँगी बोलो जागीरी
इस मन की ये अभिलाषा थी दिल की रजधानी ले जाते ।
है कसक तुम्हारी उल्फत की बढ़ जाती और दबाने से
जिस तरह छीना चैंन सुकूं ये टीस पुरानी ले जाते ।
सन्नाटे प्रेम की गलियों में हैं ख़ाली दिल के गाँव यहाँ
बेवस मन के चौबारे से छाई बीरानी ले जाते ।
तुम बिन सजना और सँवरना हर माने में बेमानी है
जब बंध नहीं सम्बंधों के बेकार जवानी ले जाते
हम बुत के मानी ज़िंदा हैं बस आवाजाही साँसों की
किरचों से पहले ख़्वाबों के एहसास रूहानी ले जाते ।
उन बाहों के गठबन्धन सी जब लरजी प्रीत कहीं कोई
घिर आये मंज़र माँजी के ये शाम सुहानी ले जाते ।
तेरे चाहत के तोहफ़े बस ग़म की एक कहानी हैं
जो तुमने कभी दिये”जोशी”वो राजा रानी ले जाते ।
#गिरीश जोशी
भरतपुर (राजस्थान) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शमा

Wed Jun 6 , 2018
तुम तो शमा जलती ही रहना। तम न हरुँ, कभी न कहना। है रोशन करना तेरा धर्म तू करती जाना अपना कर्म पर उपकार में रत रहकर, सरिता की धारा सी  बहना। तुम तो शमा जलती ही रहना। तभी तू जग से न्यारी है लगती सभी को प्यारी है जलते-जलते […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।