सारी दुनिया जिस में समाई उस निकिता को प्रणाम हैं कण-कण इस माटी का अनुपम और ललाम है इश्क मोहब्बत में तेरे खातिर कितना ही लहूलुहान हुआ है हे-निकिता !तुम्हारे खातिर महा भीषण -महासंग्राम हुआ भारत की पावनतम माटी शत-शत तुझे प्रणाम है गंगा -सिंधु चरण पखारे जग मे ऊंचा […]

तुम जाते जाते चाहत की गर सभी निशानी ले जाते मन से स्मृतियाँ मिटा सभी आँखों का पानी ले जाते १ मन मुँडेरों पर क्यूँ अब तक यादों के दीप जलाये हो अपने लम्हों की अपने संग हर एक कहानी ले जाते । २ कब माँगे महल दुमहले थे कब […]

बिन मेहनत के कभी कोई सुंदर संसार नहीं होता, आधे मन से जीवन का यह रस्ता पार नहीं होता। प्यार हमेशा निर्मल मन की एक अमानत है यारों, बिन इसके इस जीवन का कोई आधार नहीं होता। ऊपर वाले को धोखा देने से बात नहीं बनती, नकली हो आराधन तो […]

उत्सव का समय थाl गणेश जी को मैंने प्रणाम किया,तो बड़े अनमने भाव से उन्होंने कहा,-`खुश रहो।` मैंने कहा,-`प्रभु, लेकिन आप ज्यादा खुश नहीं हैं। क्या बात है? क्या आपको हमेशा की तरह नकली घी के लड्डू खिलाए जा रहे हैं? क्या हमेशा की तरह भक्तगण आपके नाम पर चंदा […]

अपना ही नुकसान हुआ, सच कहने पर ज्ञान हुआ। जिसकी जितनी भीड़ बड़ी, उतना वह भगवान हुआ। ‘राम रहीम’ कहा खुद को, फिर वो क्यों शैतान हुआ। जनसेवक फर्जी निकला, उसका ही कल्याण हुआ। मुझे देख तुम मुस्काए, यह भी इक अहसान हुआ। अंतकाल जब आया तो, पंकज का सम्मान […]

चाटुकारों का ही जलवा दिखता है, उनके हिस्से में ही ‘हलवा’ दिखता है। आप करते हैं प्रदर्शन कुछ नहीं, हम करें तो उसमें ‘बलवा’ दिखता है। आपके आँसू दिखे अखबार में, किंतु हमको एक ‘छलवा’ दिखता है। शोषकों की ज़िन्दगी है सुर्ख़ियों में, अपना तो झुलसा ही ‘तलवा’ दिखता है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।