बड़ा नाजुक है दिल
उससे भी नाजुक इसे समझाना है
इश्क में रुसवाई मिले या दर्द
ए किस्सा पुराना है
कत्ल कर के नज़रों से
अदा जिसका चैन चुराना है
बड़ी कातिल जिसकी आदायेँ
दिल कमबख्त उसी का दिवाना है
आँखें जिसके मैखाने से भी गहरी
बड़ा मुश्किल उसके पाड़ जाना है
अदा कहुँ, नज़ाकत कहुँ , कयामत कहुँ
बड़ा कातिल, नजरें झुकाकर उसका मुस्कुराना है
रुप जिसके परियों से भी परे
अब उसी में खो जाना है
#अमित मिश्रा
परिचय : अमित मिश्रा की जन्मतिथि-७ जनवरी १९८९ तथा जन्म स्थान-आबादपुर,जिला-कटिहार(बिहार)हैl आप वर्तमान में जयपुर विमानतल के समीप सीआईएसएफ इकाई(प्रताप नगर)में रहते हैंl श्री मिश्रा बिहार राज्य के शहर बरसोई से होकर बी.ए.(ऑनर्स)तक शिक्षित हैंl आपका कार्यक्षेत्र-सीआईएसएफ ही हैl हिंदी लेखन के शौकीन अमित जी की लेखन विधा-गीत,ग़ज़ल,कविता सहित कथा,लघुकथा एवं मुक्तक हैl आपके लेखन का उद्देश्य मन के भावों को उकेरना हैl