स्वर्णिम भारत की कल्पना 

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mahendra sinh raghuvanshi

सारी दुनिया से परे हिन्दोस्तां बनाये अपना ।

      आओ मिल साकार करें हम स्वर्णिम भारत की कल्पना ।।
हर तरफ खुशहाली होगी खेत मे हरियाली होगी ।
          जिनसे हमको मिला है धोखा अब न देंगे उनको मौका।।
गर करे हम मन मे निश्चय होश का दे दें परिचय  ।
आओ दिल को दिल से जोड़ें ईर्ष्या से मुह मोड़ें ।।
         अब न चलने दे सरहद पर प्राणघातक एक भी गोली ।
आओ अमन की बातें कर लें साथ मिल कर खेलें होली ।।
            दीप जलें हर एक घर मे ईद का त्योहार होगा ।
           देश के खातिर मर जाने को हर एक तैयार होगा ।।
         देश पर गर हो किसी की आतंक की ख़ौपनाक आँखें ।
         हम ने भी कर लिया है निश्चय रोक देंगें उनकी साँसें ।।
             बक्त पर न बाज आया सरगना आतंकवाद का ।
            अब वो पूरा ख़ाक होगा महागढ़ आतंकवाद का ।।
न लूटेगी कोई अस्मत हर तरफ ईमान होगा ।
जिनने हमको दिया है शिक्षा गुरूओं का सम्मान होगा ।।
               जो दे रहा अकाल मृत्यु अब न यमराज होगा ।
                 बातें अमन की चौ दिशा रामराज होगा ।।
भोली जनता को बनाया अपने हाथों का खिलौना ।
भृष्ट नेता कर रहे है काम जो इतना घिनोना ।।
अब न चलने देंगें इनकी वेवजह की घूसखोरी ।
            तैयार है फाँसी के फंदे गर किया इन्होंने चोरी ।।
सारी दुनिया से परे हिन्दोस्तां बनाये अपना ।
    आओ मिल साकार करें हम स्वर्णिम भारत की कल्पना ।।
 #महेंद्र सिंह रघुवंशी                               
परिचय : आपको लेखन कार्य और कविताओं में बहुत रुचि है।गांव में जन्मे महेंद्र सिंह रघुवंशी का पूरा नाम ठाकुर महेन्द्रप्रताप सिंह रघुवंशी है तथा उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव से हुई जबकि बी.ए. और एम.ए. छिन्दवाड़ा से ही किया। हिंदी लेखन में बचपन से रुचि रखने वाले महेंद्रसिंह के पिता जी भी कविताएं रचते है आपकी कविताओं का प्रशारण आकाशवाणी छिन्दवाड़ा में होता रहता है काव्य पाठ में कई प्रथम पुरुष्कार मिले है। जिला कलेक्टर के हाथों पुरुष्कार एबम प्रमाणपत्र मिले। ग्राम पुलपुलडोह निवासी श्री ठाकुर वर्तमान में श्रीराम फर्टिलाज़र्स एंड केमिकल्स में क्रिस्टल इंचार्ज के पद में छिन्दवाड़ा में ही कार्यरत है ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।