दाग सीने में गोलियां,सब सहन कर सकता हूँ,
भारत माँ का बेटा हूँ,सब सहन कर सकता हूँl
भारत माँ सब कुछ है मेरी,दुश्मन मिटाने निकला हूँ,
सोना पड़े भले बर्फ में,सब सहन कर सकता हूँl
भारत माँ का बेटा हूँ,निकल पड़ा अकेला हूँ,
माँ का आशीर्वाद है,सब सहन कर सकता हूँl
तिरंगा मेरी जान है,बस उसे बचाने निकला हूँ,
आग में भले चलना पड़े,सब सहन कर सकता हूँl
सोने की इस धरती में,भारत माँ का नाम है,
चाँद-तारे गवाह हैं,सब सहन कर सकता हूँl
दिव्यांग हो के भी मैं,हिमालय चढ़ सकता हूँ,
भारत माँ पर भरोसा है,सब सहन कर सकता हूँl
जब तक रहेगी आखिरी सांस माँ,राकेश की,
सरहद में जख्म हो के भी,सब सहन कर सकता हूँl
#राकेश कुमार चतुर्वेदी
परिचय : राकेश कुमार चतुर्वेदी की जन्मतिथि-२० फरवरी १९९६ तथा जन्म स्थान-जमनीडीह हैl आपका वर्तमान निवास छत्तीसगढ़ के महासमुंद स्थित जमनीडीह में ही हैl छत्तीसगढ़ राज्य के शहर भवरपुर निवासी श्री चतुर्वेदी अभी स्नातक में अध्ययनरत हैंl लेखन विधा-ग़ज़ल,गीत तथा हाइकु हैl आपके लेखन का उद्देश्य-समाज को जागरूक करना हैl