केशर रंग…

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ram

चेतो राख की दबी चिंगारी,
जलो अग्नि के शोलों..
अपने दिल के तिरंगे में
केशर रंग तुम घोलो।

व्यर्थ न जाए ये जवानी,
आज गढ़ो तुम नई कहानी..
जहां तुम्हारा पाँव पड़े तो
वहीं धरा पर निकले पानी।

खोल आँख की पट्टी तुम,
अपनी देश भक्ति तोलो..
अपने दिल के तिरंगे में
केशर रंग तुम घोलो।

सीख जरा लो बलिदानों से,
वैराग्य सीखो श्मशानों से..
देशाटन हेतु घर छोड़ो,
मोह त्याग स्व-अरमानों से।

हाय-हलो बहुत कर ली..
अब ‘वंदे मातरम्’ बोलो,
अपने दिल के तिरंगे में
केशर रंग तुम घोलो।

वीर जवानों का यह देश है,
लहू रगो में अभी शेष है..
सजग रहे हर देशवासी तो
मुश्किल आना यहाँ क्लेश है।

मन में पड़ी हुई ग्रंथि को,
मतभेद भुला तुम खोलो..
अपने दिल के तिरंगे में
केशर रंग तुम घोलो।

#रामशर्मा ‘परिन्दा’

परिचय : रामेश्वर शर्मा (रामशर्मा ‘परिन्दा’)का परिचय यही है कि,मूल रुप से शासकीय सेवा में सहायक अध्यापक हैं,यानी बच्चों का भविष्य बनाते हैं। आप योगाश्रम ग्राम करोली मनावर (धार, म.प्र.) में रहते हैं। आपने एम.कॉम.और बी.एड.भी किया है तथा लेखन में रुचि के चलते साहित्य सफर में सतत सक्रिय हैं। सम-सामयिक विषयों पर प्रतिदिन लिखते हैं।

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।