आँचल में खुशियां समाए 

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भारत महान था,वीरों की खान था,
फिर भी भारत मुगलों का गुलाम था।
एक राजा दूसरे को मिटाने पर तुला था,
इसलिए मेरा देश मुगलों का गुलाम था।
भारत सुदृढ़ था,समृद्ध था भरोसेदार था,
इसीलिए अन्य धर्मों के पीड़ितों को पाला था।
पर उन्होंने ही भारतमाता को लहूलुहान किया,
आज नेतृत्व हिंदुत्व के लिए अड़ा,पर लाखों हिन्दू उसे मिटाने पर अड़े हैं।
बस और कुछ भी न कहूँगा,
विनती यही सबसे करुंगा।
वतन न अब गुलाम होने पाए,
आँचल में माँ के खुशियाँ समाए॥

          #प्रमोद बाफना

परिचय : प्रमोद कुमार बाफना दुधालिया(झालावाड़ ,राजस्थान) में रहते हैं।आपकी रुचि कविता लेखन में है। वर्तमान में श्री महावीर जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय(बड़ौद) में हिन्दी अध्यापन का कार्य करते हैं। हाल ही में आपने कविता लेखन प्रारंभ किया है।

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