मत तोडो़ संबंध तड़प के।
अब भूलो तो राग झड़प के।।
कर लो प्यारी बात रस भरी।
रह ना पाए रात विष भरी।।
फिर कोई है क्रोध कर रहा।
मन में देखो मोह भर रहा।।
किन बातों से पाप अब ढके।
तुमको कैसे मोक्ष मिल सके।।
तज दे सारा लोभ नर प्रिये।
रख प्यारे आचार सद हिये।।
जग तेरे ही संग चल पड़े।
अब कोई बेकार नहीं अड़े।।
#कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’
परिचय : कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ की शिक्षा एमकाम,एमएड सहित साहित्याचार्य भी है। आप पीलीभीत(उ.प्र.) के बीसलपुर में रहते हैं। विधा की बात करें तो,गीत, मुक्तक,छंद,गजल लिखते हैं। कई सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक,साहित्यक एवं धार्मिक संस्थाओं में दायित्व पर हैं। आपके रचित कालसेन चालीसा व सप्तक प्रकाशित हुए हैं तो,कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। साथ ही कवि सम्मेलन व क्षेत्रीय गोष्ठियों में सहभागिता भी करते हैं। कई विद्यालयों व संस्थाओं से सम्मान पत्र मिले हैं।