मेरा रोबोट

0 0
Read Time2 Minute, 16 Second
kumari archana
मशीनी सभ्यता का नायाब़ तोहफ़ा,
असंवेदनशील जीव न होकर
स्वचालित,परन्तु बनने के बाद
कभी भी अनियंत्रित,
दिल से नहीं अपितु दिमाग से
चलता और रूकता हो।
काश् तुम भी मानव नहीं,
कोई ‘रोबोट’ होते!
कम-से-कम साथ तुम्हारा रहता,
जब चाहती पास लाकर
प्यार करना-प्यार करती,
जब चाहती नफ़रत करना तो
दूर कर तुमको सजा देती,
कोई फर्क़ न तुम पर होता
न ही मेरे चेहरे पे शिकन।
जानती हूँ तुम मशीन हो,
मेरे हाथों के खिलौना मात्र
मिट्टी से बने सजीव नहीं,
जो मुझसे जी भर जाने पर
तलाशे नई मिट्टी की देह।
मूर्तिकार बन मेरी देह तराशते,
तो कभी चित्रकार बन उभारते
कभी कांसे में मुझे ढाल देते तो,
कभी कवि बन कविता बना देते
तो गायक बन गज़ल़ गा देते,
कभी अपने मनोकूल मुझे अनुकूलित
जैसे मैं कोई तापमान होऊँ।
कभी मानव प्रतिरुप तो कभी,
‘रोबोट’ को तुमने बनाया
मानव के विकल्प में रूप में,
आधुनिक युग के वैज्ञानिक बने
पर मैं ‘मेरा रोबोट’ बनना चाहती हूँ,
तुम्हारी अनुपस्थिति के विकल्प में।
जो इस जीवन में सदा साथ रहे,
और मेरे मर जाने के बाद भी
एकनिष्ठ का एकनिष्ठ बना रहे,
जैसे मैं तुम्हारे लिए रही
मशीन है वो मैंने उसे बनाया,
मेरे आदेशों का गुलाम है
मेरा कहा तो मानेगा ही,
समझ रहे ना तुम मेरे इशारे॥
           #कुमारी अर्चना

परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला-पूर्णियाँ ( हरिश्चन्द्रपुर) की निवासी हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दिल्ली सरकार से प्रेरणा लें

Wed Jan 17 , 2018
दिल्ली सरकार के एक लोक-कल्याणकारी काम पर उप-राज्यपाल ने मोहर लगा दी,यह अच्छा किया। वे यदि इसमें अड़ंगा लगाए रखते तो उनकी बदनामी तो होती ही,केन्द्र की भाजपा सरकार भी बुरी बनती। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह इतनी अच्छी योजना शुरु की है कि वे अन्य […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।