प्राणों से प्यारा हमकों हिन्दुस्तान

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ashok sapada
प्राणों से प्यारा हमकों हिन्दुस्तान
खून देकर भी रखेंगे इसकी शान
शहीदों की मजारों पर मेला लगा
रखतें है हम उनकी ऊँची पहचान
चूमकर जिन्होंने फांसी का फंदा
बचाया था भारत का स्वाभिमान
स्वत्रंतता का शंख बजाकर के जो
कूद पड़ेे थे आज़ादी की जंगे मैदान
जाने कितने अत्याचार सहे वीरों ने
भारत माँ की लाज रखी देकर जान
कर्ज़ शहीदों का चुकाना हमकों ही
कहतें हम भी भारत के वीर जवान
लेते संकल्प भारत माँ की रक्षा की
निचोड के रख देंगे हम पाकिस्तान
सर रखेंगे पूजा की थाली में लाये
हो जाएंगे वतन पर हम तो कुर्बान
देश प्रेम से रचा है अपना मधुमास
तीन रँग से रंग देंगे ये धरा आसमान
#अशोक सपड़ा हमदर्द
 
परिचय-दिल्ली निवासी अशोक सपड़ा हमदर्द जो 30 जनवरी 1977 को जन्में व इग्नु से स्नातक तक पढ़े जिनकी कई पत्र पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित होते है| अब तक दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके है|

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।