जाने क्यों आजकल

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budhhi prakash

आँखों में ना है पानी,दिल में नहीं मुहब्बत,
इंसान के सीने में,हर दिल बदल रहा है।

उड़ते बेखौफ पंछी,अपनी ही मौज में।
सरहदे बंट रही है,आसमां, बदल रहा है॥

गुस्ताखी माफ़ हो गर,कह दूँ कुछ गलत मैं।
लौटा दो वे बहारें, ‘मन’ की यही दुआ है।

जाने क्यों आजकल,मौसम बदल रहा है।
पहले सा कुछ नहीं है,आलम बदल रहा है॥

सांसें हुई है मुश्किल,जीना हुआ है मुश्किल।
हवाएं घुल रही है,हर तरफ धुँआ-धुंआ है॥

दरख्त की डालियों पर,कोयल की कूक थी।
कौओं का राज जैसे,लगता हवा-हवा है॥

सागर की वे उमंगें,लहरों की वे तरंगें।
सरगम के इन सुरों से,हर राग बदल रहा है॥

#बुद्धि प्रकाश महावर ‘मन’

परिचय : बुद्धि प्रकाश महावर का साहित्यिक उपनाम-मन है। आपकी जन्म तिथि-३ जुलाई १९७६ है। वर्तमान में-जिला दौसा (राजस्थान) के ग्राम मलारना में रहते हैं। शिक्षा- एम.ए.(हिंदी) तथा बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में अध्यापक हैं। सामाज़िक क्षेत्र में-सामाजिक सुधार कार्यों,बेटी बचाओ जैसे काम में सक्रिय रहते हैं। आप लेखन विधा में कविता,कहानी,लघुकथा, ग़ज़ल,गीत,बाल गीत आदि रचते हैं। प्रकाशन में ‘हौंसलों के पंखों से'(काव्य संग्रह) तथा ‘कनिका'( कहानी संग्रह)आ चुका है।  उपलब्धि-सम्मान के तौर पर बाल मुकुंद गुप्त साहित्यिक सम्मान-२०१७, राष्ट्रीय चौपाल साहित्यिक सम्मान-२०१७ और राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था द्वारा ‘तोषमणि’ अलंकरण मिलना है। आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-सामाजिक एवं राष्ट्रीय जागृति,आत्मखुशी और व्यक्तिगत पहचान बनाना है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।