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कुछ वर्ष पहले तक प्रकृति
अपने अनुकूल चला करती थी,
गर्मी जाड़ा वर्षा तीनों हीं
समय पर हुआ करती थीl
जनमानस की वृद्धि अप्रत्याशित
तरू का कर रही ह्रास,
फिर भी स्वार्थी जाग नहीं रहे
केवल स्वच्छ जीवन की
कर रहे हैं आसl
जहाँ हम खेलते थे खुशी से
भवन से भरते जा रहे वो मैदान,
समाप्त होने लगे हैं गिल्ली-डंडे
कदम्ब,नींबू और आम के बगानl
पेड़ों को काटा जा रहा रोज इस तरह
मानो किसी को जरूरत हीं नहीं इसकी,
पर वृक्षों की न्यूनता से
बिगड़ रहा पूरा संसारl
सभी समस्याओं का नजर आता
केवल एक ही समाधान,
यदि मौसम को ठीक करना
चाहते हो तो,
दस-दस वृक्षों को लगाने का
शुरु करो अभियानll
#अविनाश कुमार पाण्डेय