बादल

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jagdeesh cp
जब कभी आता है बादल,
दिल को हर्षाता है बादलl
कोयल चकवा हर्षाते हैं,
मोर नचवाता है बादलll

धरती सूखी करे पुकार,
कर वर्षा करें उपकारl
आज मेंढक भी टर्राते हैं,
प्रकृति नया करे श्रृंगारll

मयूर हो गया है पागल,
जब कभी आता है बादलl

तन गोरी अंगड़ाई आती,
बादल संग बदरी आतीl
समय पे सही आई वर्षा,
चहुँओर हरियाली छातीll

उमड़ता आता है बादल,
जब कभी आता है बादलll

कोयल मीठा राग सुनाती,
आग जैसे दिल में लगातीl
मन मयूर हो उठता है,
हवाएँ जब बादल लातीll

देख उसे होता मैं घायल,
जब कभी आता है बादलl

धरती की प्यास बुझाता है,
किसान की आस जगाता हैl
बहुत किसान हर्षाता है,
जब भी खेत लहराता हैll

पतंगा भी होता है कायल,
जब कभी आता है बादलl
दिल को हर्षाता है बादल,
मोर नचवाता है बादलll

                                                                     #जगदीश सी.पी.
परिचय : जगदीश सी.पी. का सम्बन्ध राजस्थान से हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९९६ और जन्म स्थान-सारंगपुरा(कानोड़) राजस्थान हैl शिक्षा-बीए तक प्राप्त की हैl लेखन में आपकी विधा-ग़ज़ल,गीत,कविता और मुक्तक हैl लेखन का उद्देश्य-समाज को नई दिशा देना हैl 

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