खूबसूरत नारी

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vipul
सुनो…..
क्या जानते हो तुम
एक औरत की
खूबसूरती क्या है!
नहीं जानते तुम
सुनो…….
खूबसूरती औरत की
हर कहीं दिखाई देती है,
उसमें
कभी देखा है माँ को
अपनी
दुनिया की सबसे
खूबसूरत औरत,
उसका बोलना
उसकी आंंखें
बरसाती प्यार तुम पर
बोलकर भी
बिन बोले भी
उसका दौड़ना घर में,
इधर से उधर
सुबह से रात तक
खूबसूरत हो जाती है,
माँ तब
जब इंतजार करती है
तुम्हारा देर रात तक
दुआएं देती हुई
सलामती की तुम्हारी
जब आ जाते हो तुम,
कहती है एक बनावटी
गुस्से में तुमको
कहाँ गए थे तुम
पर भरी होती है तब भी
ममता,
उसके शब्दों और आंखों में
वो गुस्सा तो हो जाता है
बस तब ही खत्म उसका
जब थाली से खाने की
तोड़ते हो
रोटी का टुकड़ा,
बदल जाता है वो गुस्सा
प्यार से लबरेज शब्दों में
दिख जाती है उसकी
खूबसूरती,
ममता से भरे शब्द बोलते ही
बनावटी गुस्से में
जब बीमार हो जाते हो तुम
उसके माथे की दर्द भरी
शिकन में,
दिख जाती है खूबसूरती
माँ की,
वो तब भी खूबरसूरत ही रहती है
जब बोल देते हो तुम
कटु वचन माँ को,
तब देख लेना खूबसूरती माँ की
जब रो पड़ती है वो
बैठकर अकेले में,
सोचकर तुम्हारी बात
जाने क्यूँ भूल जाते हैं लोग
कि,
दुख देकर माँ को
नहीं रह सकते खुश कभी
भगवान भी झुकाते हैं,
शीश अपना
माँ के आगे,
पर नहीं समझ पाते हो तुम
खूबसूरती को माँ की
पर,
वो माँ है
हमेशा ही खूबसूरत॥
#विपुल शर्मा
परिचय:  विपुल शर्मा की जन्म तिथि- १० अगस्त १९७६ और जन्म स्थान- अलीगढ़ है। आपका निवास उत्तर प्रदेश के शहर- मुजफ्फरनगर में है। शिक्षा-विधि स्नातक,एम.ए. तथा बी.एड. भी है। व्यवसाय करने वाले श्री शर्मा अतुकान्त कविता और शायरी करते हैं
साहित्यिक संस्था में सह-सचिव और अन्य में सदस्य भी हैं। लेखन का उद्देश्य- अपने भावों को सबके सामने प्रस्तुत करते हुए अच्छा साहित्य प्रस्तुत करना है।

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One thought on “खूबसूरत नारी

  1. आपका हार्दिक आभार एवं अशेष धन्यवाद जो मातृभाषा ने मेरी कविता को स्थान दिया। पनः आपका अशेष हार्दिक आभार।

    विपुल शर्मा

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