कलंक

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ishwar dayal
कमाया,
ठीक कमाया
और बहुत
कमाया;
नाम भी, धन भी।
अपनी कला से,
किया लोगों का
मनोरंजन भी।
नगर-नगर
गलियों-गलियों,
में खूब
मचाई धूम।
पुरस्कारों से
सजा, तुम्हारे
घर का
ड्राइंग-रुम।
अब तुम
अपने-आप को
समझ बैठे
सरताज़।
वक्त़ को ही
मान बैठे
तुम, अपना
ही दास।
वक्त़ ने बदली
जो, करवट।
हुआ एक
सुंदर विस्फोट।
नज़र आई
अब लोगों को,
केवल तुम में
खोट ही खोट।
पुन: तऱाशा
गया तुम्हें जो,
निकला बस
‘कचरे का ढेर।’
छी:-छी: करती
जनता तुमसे।
कचरे से जो
निकली गंध,
नाक बंद कर
सबने थूका।
पोस्टरों और चित्रों
को, लोगों ने
अग्नि में फूँका।
वातावरण
हुआ सब दूषित।
हुए आप जो
आज कलंकित।
क्यों? ………
क्यों ?………
क्योंकि-
साधन के ही
तुम साधक थे।
स्वार्थ के तुम
आराधक थे॥
                                                               #ईश्वर दयाल गोस्वामी
परिचय: ईश्वर दयाल गोस्वामी पेशे से शिक्षक हैं। आप कवि होने के साथ ही भागवत कथा भी बांचते हैं। जन्म तिथि- ५ फरवरी १९७१ तथा जन्म स्थान- रहली है। हिन्दी सहित बुंदेली भाषा में भी २५ वर्ष से काव्य रचना जारी है तो, आपकी कविताएँ समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती हैं। काव्य संग्रह ‘संवाद शीर्षक से’ प्रकाशनाधीन है। मध्यप्रदेश के सागर जिले की तहसील रहली के ग्राम छारी में बसे हुए श्री गोस्वामी की रुचि-काव्य रचना के अलावा अभिनय में भी है। आपको समकालीन कविता के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र(भोपाल) द्वारा २०१३ में राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया है। साथ ही नई दिल्ली द्वारा रमेश दत्त दुबे युवा कवि सम्मान भी प्राप्त किया है।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।