नाम मेरा `विकास`

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raju kumar

नही हैं छाया पेड़ों की,
जो है उसका कर रहा हूँ नाश
नाम मेरा विकास

औद्योगिकीकरण की चादर ओढ़े,
घूमूं छोटेबड़े शहरों में
हरियाली है दुश्मन मेरी
लगाता हूँ कारखाना,कर जंगल साफ़,
संग प्रकृति खेल रहा हूँ
ख़्वाब है मेरा अंधविकास,
नाम मेरा विकास

कारखानों से निकले रासायनिक प्रदार्थ,
देता हूँ नदियों में डाल
जल प्रदूषण में है योगदान,
लक्ष्य है महाविकास
चाहे हो मानवता का ह्रास,
प्रकृति को नियंत्रित करूँगा
है मेरा ये थोथा अभिमान,
नाम मेरा विकास

वृक्षों से ऊँची है इमारतें अपार,
घरघर में वाहन हैं दोचार
वायु विषैली जीवन नर्क समान
मशीनें करेगी काम-धाम
आलस्य का होगा अधिकार,
बन जाएगा नाकारा इन्सान..
नाम मेरा विकास

है विनाशक यंत्र,अणुपरमाणु बम,
संहारक सम्पूर्ण मानवता का
अविष्कार किया कई देशों ने,
वर्चस्व स्थापित,शक्तिदर्शाने को
प्रयोग हुआ मिट जाओगे
नाम मेरा विकास।

                                                                                #राजू कुमार महतो’किंग मस्ताना’
परिचय : राजू कुमार महतो साहित्यिक नाम ‘किंग मस्ताना’ के तौर पर रचना लिखते हैं। आपकी मातृभाषा हिन्दी और भोजपुरी है। १९९० में जन्मे राजू कुमार का निवास दिल्ली में है। आपने हिन्दी में बी.ए.तथा एम.ए. के साथ ही विवि अनुदान आयोग से ‘नेट (हिन्दी) भी उत्तीर्ण की है। महफिल-ए-गजल साहित्य समागम सहित अन्य संस्थाओं से भी से सम्मान-पत्र पाए हैं। कुछ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हैं।

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