तुम जीवन का आधार प्रिये…

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pankaj mishra
तुमसे ही चलती हैं साँसें,तुम जीवन का आधार प्रिये,
तुमसे ही जगमग जीवन है,तुम प्राणों का संचार प्रिये।
तुम आओ जीवन में मेरे,मैं मानूँगा उपकार प्रिये,
तुम तक ही सारा जीवन है,तुमसे ही ये संसार प्रिये।
तुम बूंदें हो,तुम ही बादल,तुम ठंडी एक फुहार प्रिये,
तुम तक ही सब रिश्ते मेरे,तुम सबकी रिश्तेदार प्रिये।
भाई,निज बेटा या दुश्मन,सब कहते हैं बेकार प्रिये,
तुम आती हो जब संग मेरे,सब करते हैं सत्कार प्रिये।
तुमसे ही जीवन का रस है,बस तुम ही हो रसधार प्रिये,
जिसने तुमको न अपनाया,जीवन उसका बेकार प्रिये।
नतमस्तक ‘प्रीतम’ कदमों में,हो ‘प्रीतम’ का तुम प्यार प्रिये,
जाना जिसने भी तुमको,वो समझा जीवन का सार प्रिये।
तुमसे ही चलती हैं सांसें,तुम जीवन का आधार प्रिये…….॥
                                                                                         #पंकज मिश्रा ‘प्रीतम’
परिचय : पंकज मिश्रा ‘प्रीतम’ का स्थाई निवास उत्तराखंड राज्य के चम्पावत जिले के टाक बलवाड़ी गाँव में है। बतौर अभिनेता रंगमंच कार्यशालाओं तथा हिन्दी रंगमंच में कार्य करते हैं। आपकी  उम्र २४ वर्ष है।प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद रंगमंच में कार्य करने के साथ साथ जीवन यापन हेतु अंशकालिक कार्य भी करते हैं। अभी इस राज्य में रंगमंच की स्थिति ठीक नहीं होने से वर्तमान में दिल्ली में रह कर रंगमंच कर रहे हैं। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।