मैं कवि नहीं हूँ

2
0 0
Read Time1 Minute, 9 Second

दिल से जो आवाज़ निकलती,वही कहता हूँ।
कोरे कागज़ पर स्याह रंग से,कुछ लिखता हूँ।
मैं हूँ एक छोटा सा दीपक,रवि नहीं हूँ
सच बताऊँ मैं कोई,कवि नहीं हूँ।।

जीवन के मकड़जाल में,उलझा रहता हूँ।
अनुभव के शब्दजाल,बुनता रहता हूँ।
मैं हूँ साधारण सा,बड़ी छबि नहीं हूँ।
सच बताऊँ मैं कोई,कवि नहीं हूँ।

जीवन की सच्चाई को,सहता रहता हूँ।
बस उसी तजुर्बे को सबसे,कहता रहता हूँ।
मैं हूँ छोटा सा बन्दा,नबीं नहीं हूँ।
सच बताऊँ मैं कोई,कवि नहीं हूँ।

जो भी लिखता हूँ एकदम,पुख्ता लिखता हूँ।
निर्भीक निडरता से हरदम,सच्चा लिखता हूँ।
आग उगलता शोला हूँ ,नमीं नहीं हूँ।
सच बताऊँ मैं कोई,कवि नहीं हूँ।

#उपद्रवी
शशांक दुबे
छिंदवाड़ा

लेखक परिचय : शशांक दुबे पेशे से सहायक अभियंता (प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

2 thoughts on “मैं कवि नहीं हूँ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बदल गये

Fri Dec 23 , 2016
#शशांक दुबे क़लम में धार वही है,पर जज़्बात बदल गये। इतना सहा ज़माने को,हालात बदल गये। लहज़ा वही है बातों का,अल्फ़ाज़ बदल गये। मधुर है गीत उसी तरह,बस साज़ बदल गये। कोई कहाँ रहा युगों तलक,तख्तोंताज़ बदल गये। चंद टुकड़ों के ख़ातिर,मोहताज़ बदल गये। कल कुछ और ही थे,तुम आज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।