मॉ की याद—

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meena godare

आज मुझे मॉ की बहुत याद आई
मेरे घर बिल्ली अपने
बच्चे को दबा लाई,
बहुत डराया बहुत भगाया
पर ना मानी
छुपा आंचल में छोटा सा छौना
देख हमें गुर्राई
मां तब तुम मुझे बहुत याद आई

आंगन के अमरुद पेड़ पर
बना नींद चिड़ियों ने रक्खा
तिनका तिनका रोज
ढूंढ कर लाती
बुनती एक बिछोना
देखा ध्यान से एक दिन हमने
सुला रही थी  छोटा सा छौना
मॉ तब तुम मुझे बहुत याद आई

झर झर झरते गाय के ऑसू
जब बछड़ा ना आया
पर जब उसके बच्चे को
मैने उससे दूर छुड़ाया
सींग उठा कर भागी
मेरे पीछे-पीछे दौडी
पाकर बछड़े को बड़े
दुलार से चूमा
मां तब तुम मुझे बहुत याद आई

क्रूर सिंहनी भी शिकार कर
जब  मृग को ले आती
अपने छौनो को सबसे पहले
भक्षण करवाती
निर्भय हो शावक सारे
उसके ऊपर चढ़ते उतरते
देखा उस दिन जंगल में हमने
वह भूखी ही सो गई
मॉ तब तुम मुझे बहुत याद आई

घर के छप्पर पर उस दिन
एक बंदरिया चढ़ आई
लटक रहा था आंचल में उसके
बंदर का प्यारा सा छौना
छेडा जो हमने उस बच्चे को
दौड़-झपट वह कूदी हम पर
हमने सरपट दौड़ लगाई
मॉ तब तुम मुझे बहुत याद आई

        #मीना गोदरे 

परिचय : स्थाई रुप से इंदौर में निवासरत मीना गोदरे लेखन में लम्बे समय से ‘अवनि’ उपनाम से सक्रिय हैं। आपकी जन्मतिथि-११-अक्टूबर १९५६ एवं जन्म स्थान-सागर (म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(अर्थशास्त्र),संस्कृत इन डिप्लोमा एवं एनसीसी(क्रेडिट कोर्स)है। आपने धार्मिक शिक्षा में प्रथम भाग से रत्नकरंड श्रावकाचार एवं मोक्ष मार्ग तक की विधिवत परीक्षाएं उत्तीर्ण की है। अन्य शास्त्रों का भी अध्ययन किया है।कार्यक्षेत्र-इंदौर शहर ही है। सामाजिक क्षेत्र में आप रोटरी क्लब (सागर) सहित अ.भा. दिगंबर जैन महिला परिषद और सद्भावना महिला मंडल से जुड़ी रही हैं तो वर्तमान में भी प्रांतीय पदाधिकारी हैं। कुछ प्रकाशन पत्रिकाओं में सहयोगी के रुप में भी जुड़ी हुई हैं। आपकी विधा-गीत, गज़ल,कविता,कहानी,लेख, निबंध,लघुकथा और व्यंग्य है। आप ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं। प्रकाशन में आपके नाम भक्ति गीत संग्रह-आस्था के पुंज,काव्य संग्रह ‘समुद्र के सीप’ सहित दो ग़ज़ल संग्रह,दो कहानी संग्रह एक काव्य संग्रह,दोहावली और निबंध संग्रह आदि है। कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपकॊ सम्मान में शब्द शिल्पी सम्मान,भाषा सम्मान,हिंदी साहित्य सम्मान,भारत की सर्वश्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, काव्य श्री सम्मान सहित हिंदी सेवा सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान आदि मिले हैं।आकाशवाणी(सागर,छतरपुर व इंदौर)से १८ वर्षों से रचनाओं का प्रसारण हो रहा है तो दूरदर्शन(भोपाल)पर भी काव्य पाठ किया है। आपको कई सामाजिक संस्थाओं में २५ वर्ष से सभी पदों पर कार्यरत रहते हुए सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष सहित अन्य पुरस्कार एवं कनाडा से बेस्ट एम्यूनाइजेशन का भी पुरस्कार मिला है। आप ड्रेस डिजायनिंग के साथ ही हेन्डीक्राफ्ट आदि में भी कुशल हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-प्रेरणा देना,सामाजिक विघटन- रुढ़ियों को दूर करना, सकारात्मक विचारधारा द्वारा जीवन और विकास को नई दिशा देना तथा देश व समाजहित में योगदान देना है।

Arpan Jain

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