Read Time1 Minute, 53 Second
मैं अक्सर
अपनी खामोशी से
बात करता हूँ,
कुछ देर ठहर
इत्मिनान से
मुलाकात करता हूँ।
वो बताती है
मुझे यहाँ-वहाँ
इधर-उधर की
बातें,
कैसे बीतती है
लोगों की
रातें।
कुछ जागती
आंखों में
सपने लिए
होते हैं,
कुछ जागकर भी
सोते हैं
अपना बहुत कुछ
खोते हैं।
जरूरी नहीं
जिंदगी का हर
लम्हा,हर कतरा
पढ़ा जाए,
कुछ लम्हें
सहेजे जाते हैं
महफूज रखे
जाते हैं,
आने वाले
समय के लिए
ये हमें
सुकून देते हैं
जिंदगी महकाते हैं।
जिंदगी के
ठहराव में
रास्ते बताते हैं,
औऱ आगे
बढ़ने के
पड़ाव बनाते हैं
उम्मीदों की
मंजिल के
चढ़ाव बनाते हैं।
कई बार
चली आती हैं
मेरी तन्हाईयाँ
मुझसे मेरी
शिकायत करने
कभी दुख दर्द
अपना दुखड़ा
लेकर आते हैं
कभी मंद-मंद
मुस्काते हैं,
मैं नहीं समझता
वो शिकायतें हैं
मेरे खिलाफ।
ये तो शिकवे हैं
अपनों से
किए जाते हैं,
इनके लेखे-जोखे
भावना की कलम से
दिल पर
लिखे जाते हैं।
मैं अक्सर,
अपनी खामोशी से
बात करता हूँ
मुलाकात करता हूँ।
#अरुण कुमार जैन
परिचय: सरकारी अधिकारी भी अच्छे रचनाकार होते हैं,यह बात
अरुण कुमार जैन के लिए सही है।इंदौर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में लम्बे समय से कार्यरत श्री जैन कई कवि सम्मेलन में काव्य पाठ कर चुके हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सहायक आयुक्त श्री जैन का निवास इंदौर में ही है।
Post Views:
538
Tue Jul 4 , 2017
Custom Dissertation Services – Buy Now and minimize Your Battle When you decide to write a dissertation pieces of paper all on your own, you probably acquire all of your university information and numerous guides to create the dissertation. Post Views: 538